सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू हो गया है। इस माह में भगवान शिव की पूजा की जाती है। शास्त्रों मे कहा गया है कि यह महीना भगवान शंकर को बहुत प्रिय है। सावन के सोमवार के साथ ही सावन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस साल सावन शिवरात्रि 6 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन शिवरात्रि का व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाएगा। व्रत पारण 07 अगस्त को किया जाएगा।

सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त-

सावन महीने की चतुर्दशी 06 अगस्त की शाम 06 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी। जो कि अगले दिन 07 अगस्त की शाम 07 बजकर 11 मिनट पर खत्म होगी।

इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की करें पूजा

शास्त्रों के अनुसार, सावन शिवरात्रि का पूजन निशिता काल में उत्तम माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, निशिता काल 07 अगस्त की रात 12 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर 07 अगस्त की रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। पूजा की अवधि 43 मिनट की है।

व्रत के पारण करने का समय

सावन मास की शिवरात्रि के व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 07 अगस्त, दिन शनिवार की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक है।

व्रत रखने का सही नियम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति को सावन मास में सात्विक भोजन लेना चाहिए। प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। सावन मास में मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। सावन महीने में भगवान शिव की अराधना ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिए।इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। सावन के सोमवार का व्रत करना चाहिए।

शिवरात्रि पर करें ये खास उपाय

सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ को भाग, धतूरा और बेलपत्र और गंगाजल जरूर चढ़ाएं। इस महीने में भोलेनाथ की प्रिय चीजें चढ़ाने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। इसके अलावा कुंडली में चंद्र का दोष, मकान और वाहन का सुख और संतान से संबंधित होता हैइस महीने में सांप की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इस महीन में महामृत्युजय और शिवमंत्रों का जाप करना चाहिए

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