कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में 26 जुलाई से होने वाली कांवड़ यात्रा पर कशमकश बनी हुई है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देते हुए कहा कि, सूबे में पूरी तरह से कांवड़ यात्रा पर पाबंदी नहीं होगी, सांकेतिक रुप से यात्रा शुरु होगी।

इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को दोबारा से विचार करने के लिए कहा है, कोर्ट ने कहा कि यह एक अहम मुद्दा है। लोगों का जीवन काफी अनमोल हैं। धार्मिक और अन्य भावनाएं लोगों के मौलिक अधिकार के अधीन हैं।

कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फिर सुनवाई करने वाला है। यूपी सरकार एक बार फिर इस मुद्दे पर सफाई पेश करेगी।

अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा था कि प्रदेश में कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह से रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है कि कांवड़ यात्रा सांकेतिक रूप से चलाई जाएगी। साथ ही सरकार द्वारा इसको लेकर गाइडलाइन्स बनाई जा सकती हैं।

कांवड़ यात्रा को लेकर केंद्र सरकार ने यूपी सरकार को कुछ सुझाव दिया है। केंद्र के अनुसार कांवड़ियों को उत्तराखंड जाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। गंगाजल कहीं ऐसी जगह उपलब्ध कराए कि भक्त उसे शिव जी को अर्पित कर सके।

वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार को कोरोना गाइडलाइंस के तहत उचित निर्णय लेना चाहिए। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही यात्रा निकालनी चाहिए। बता दें कि, योगी सरकार पहले ही कह चुकी है कि बिना RT PCR टेस्ट के कांवड़ यात्रा नहीं निकाली जाएगी साथ ही यात्रा में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखना होगा।

गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर पाबंदी लगा दी है। राज्य की पुलिस मुस्तैद हो गई है। 24 जुलाई से बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए सरकार को विचार करने के लिए कहा था।

आईसीएमआर की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर भारत में अगस्त के आखिर तक आ सकती है। कुछ रिपोर्ट के अनुसार कोरोना नवंबर – डिसंबर तक तबाही मचा सकता है।

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