देश के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव का मुद्दा इन दिनों सुर्खियों में है। दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाए गए प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस की तरफ से कपिल सिब्बल महाभियोग का चेहरा बने हुए है। कांग्रेस की तरफ से महाभियोग के प्रस्ताव को रखने वाले कपिल सिब्बल का इन दिनों आठ साल पहले का एक वीडिया वायरल हो रहा है। इसमें कपिल सिब्बल केंद्रीय मंत्री के तौर पर महाभियोग की प्रक्रिया को ही गलत ठहरा रहे हैं।

कपिल सिब्बल ने ये बात 2010 में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही थी। उन्होंने इंटरव्यू देते हुए कहा था कि ‘मैं सोचता हूं कि यह देश के लिए सबसे बड़ा नुकसान होगा कि राजनेता जजों के भाग्य को तय करें।’ तब कपिल सिब्बल यूपीए सरकार में मंत्री थे।

यह टिप्पणी उन्होंने कोलकाता हाई कोर्ट के जज सौमित्र सेन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर की थी। सेन पर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप था। इस प्रस्ताव को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई थी, लेकिन लोकसभा में गिर गया था। यदि वह सफल होता तो फिर महाभियोग के चलते पद से हटने वाले सेन देश के पहले जज होते।

बता दें कि कांग्रेस ने हाल ही में 7 दलों के 64 सांसदों के साइन के साथ उपराष्ट्रपति को चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव का नोटिस सौंपा था। इस प्रस्ताव को वाइस प्रेजिडेंट वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है। महाभियोग के नोटिस को खारिज किए जाने के बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि अब हम इस प्रस्ताव को पेश करने की मंजूरी मांगने सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। सिब्बल के जो विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें वह महाभियोग की इस प्रक्रिया को असंवैधानिक बताते नजर आते हैं।

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