आज देश भर में दशहरे का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इसी मौके पर हर साल की तरह इस साल भी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर शस्त्र पूजन का आयोजन किया। यह आयोजन महाराष्ट्र के नागपुर मुख्यालय पर आयोजित किया गया। आयोजन के मौके पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहें। शस्त्र पूजन के बाद मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लोगों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी। इस मौके पर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवणी, टीवीएस मोटर्स के प्रमुख वेणु श्रीनिवास, नागार्जुन ट्रस्ट, हैदराबाद के राजूजी सहित बीजपी के कई वरिष्ट नेता मौजूद थे।

बता दें आज राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ का स्थापना दिवस है। संघ ने अपने 92 साल पूरे कर लिए। संघ की स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर अकाउंट से संघ के कार्यकर्ताओं को शुभकानाएं दी।

कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, हम अपने इतिहास और संस्कृति को भूल गए हैं। हमें अपने देश के वास्तविक इतिहास और परंपरा को याद करना होगा। उन्होंने राष्ट्र पर बात करते हुए कहा कि, राष्ट्र को कोई बना या बिगाड़ नहीं सकता, राष्ट्र तो पैदा होते हैं।

statement of Mohan Bhagwat on the RSS Foundation Day says Independence Feeling First Time

इतना ही नहीं मोहन भागवत ने कहा कि, 70 साल बाद आज पहली बार मुझे आजादी महसूस हो रहा है। रोहिंग्या मुसलमानों पर बोलते हुए भागवत ने कहा कि अगर रोहिंग्या मुसलमानों को हिन्दुस्तान में रहने दिया गया तो वो देश की सुरक्षा के लिए खतरा होंगे। उन्होंने रोहिग्याओं पर सवाल करते हुए कहा कि रोहिंग्या यहां आएं ही क्यों? वो अपने देश वापस क्यों नहीं चले जाते है?

कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि सरकार की मौजूदा नीतियों व कार्यक्रमों से देश का भला होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के संकल्प तो अच्छे हैं लेकिन इसको लागू कराना और पारदर्शिता का ध्यान रखना जरूरी है। लोगों के लाभ के लिए अनेक योजनाएं चलीं हैं।

कश्मीर पर चर्चा करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हमने देश के अंदर राष्ट्र विरोधियों को जबाव दिया है। कश्मीर में 2-3 महीने पहले चीजें अनिश्चित थीं, लेकिन अलगाववादियों को किस तरह से संभाला गया, इसे दुनिया ने देखा। कश्मीर के लिए पुलिस और सेना को पूर्ण नियंत्रण दिया गया है।

उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में जो लोग कश्मीर घाटी से विस्थापित हुए हैं उनकी समस्या आज तक नहीं सुलझ सकी है। अगर इस समस्या को सुलझाना है तो संविधान में संशोधन किए जाने चाहिए, ताकि राज्य में पुराने प्रावधानों को हटाया जा सके।

गौरक्षा पर अपनी बात रखते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत के अनेक लोग गौरक्षा में लगे हैं। कई मुसलमान भी गौरक्षा के कार्यों में लगे हुए है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे कई मुसलमानों को जानता हूं जो गौशाला चलाते हैं उसका प्रचार करते हैं और उनका संबंध संघ से भी नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here