यमुना एक्सप्रेस वे पर जेवर के पास परिवार से लूट और गैंगरेप की चार पीड़िताओं में से एक ने रविवार को आत्महत्या करने की कोशिश की। पीड़िता ने घर में खुद को पंखे से लटकाया और जान देने की कोशिश की। समय रहते परिजनों की नजर पड़ी तो उसे अस्पताल ले गए, जहां उसकी जान बचा ली गई।
खुदकुशी की कोशिश करने वाली पीड़ित महिला के पति के मुताबिक, वो रात में छत पर सो रहा था और उसकी पत्नी नीचे कमरे में सो रही थी। पत्नी ने सुबह करीब साढ़े तीन बजे दुपट्टे से फांसी का फंदा बनाकर सीलिंग फैन से लटकने की कोशिश की। इसी बीच उनकी बेटी किसी वजह से उठी और उसने आत्महत्या करते हुए देख लिया। वह जोर से चिल्लाई तभी परिवार के अन्य सदस्य भी पहुंच गए। मैं तुरंत भागता हुआ नीचे गया और अपनी पत्नी को बचाया।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा, ‘मेरे साथ जो कुछ हुआ, उसको लेकर मैं बहुत दुखी हूं। मेरी उम्र 50 के आसपास है लेकिन किसी भी आरोपी ने मेरी उम्र का लिहाज नहीं किया। गैंगरेप करने वालों ने हम चारों औरतों का रेप किया। समाज में मैंने अपना सम्मान खो दिया है। पुलिस ने भी अब तक इस मामले में कोई खास सफलता नहीं हासिल की है। ऐसी बेगैरत जिंदगी जीने से भला क्या फायदा है?’
पीड़िता ने बताया कि वह घटना के बाद से ही बीमार चल रही है। घटना वाली रात बदमाशों ने उससे रुपये भी लूट लिए थे। इलाज के लिए भी पैसे नहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। घटना का पर्दाफाश और परिवार को मदद नहीं मिलती है तो आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है।