दुनिया में मां बनने का सुखद एहसास हर महिला लेना चाहती है लेकिन यह ख़ुशी हर किसी को मिल जाए यह भी संभव नहीं। भारत में मां बनना सिर्फ एक एहसास ही नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी बन जाती है। भारत में मां न बन पाने का बोझ काफी बोझिल होता है जिसको उठा पाना बेहद मुश्किल होता है लेकिन अब किसी भी महिला को इस तरह का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। न ही अब समाज के तानों को सुनना होगा क्योंकि भारत में डॉक्टरों ने पहली बार गर्भ ट्रांसप्लांट करने में सफलता हासिल कर ली है।

पुणे के गैलेक्सी केयर लेप्रोस्कॉपी इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल में वडोदरा की एक महिला की मां का गर्भाश्य उस महिला में ट्रांसप्लांट किया गया । भारत में इस तरह का यह पहला ट्रांसप्लांट है । इससे पहले 2012 में स्वीडन में बच्चेदानी का ट्रांसप्लांट किया गया था। जिस महिला का गर्भ ट्रांसप्लांट हुआ था वह 2014 में मां बनी। दुनियाभर में अब तक 25 ऐसी सर्जरी हो चुकी हैं जिसमें गर्भाश्य ट्रांसप्लांट हुआ है।

गर्भ डोनेट करने वाली महिला की मां(44)  और महिला(26) दोनो ही ऑपरेशन के बाद सेहतमंद हैं। महिला का चार बार एबॉर्शन हो चुका है। इसलिए अब वह मां नहीं बन सकती थी। इस कारण महिला की मां ने अपना गर्भाश्य अपनी बेटी को देने का फैसला किया था।  राज्य सरकार ने गैलेक्सी केयर अस्पताल को कुछ ही दिनों पहले गर्भ ट्रांसप्लांट का लाइसेंस दिया है। इस ऑपरेशन के सफल होने के बाद हॉस्पिटल यह दावा कर रहा है कि अब भारत में भी मेडिकल साइंस की मदद से महिलाएं गर्भाश्य ट्रांसप्लांट के द्वारा आसानी से बच्चे को जन्म दे सकेंगी। साथ ही गैलेक्सी केयर अस्पताल ने कहा है कि वो शुरू की तीन गर्भ प्रत्यारोपण मुफ्त में करेंगे।

1 COMMENT

  1. Agr esi orat m utras transplant kiya Jay jiske jnm se Hi utras nhi tha to us transplant k safal hone k chances kitne h..??
    Aur vo Kis cheez pe dependent hh?m
    Aur body kabhi kabhi new utras ko accpet kyu nhi kr pati??
    Sir please answer my questions…
    Thanks you

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