एक बार फिर भारत अंतरिक्ष में एक लंबी उड़ान भरने में लगा है। इस उड़ान से स्पेस टेक्नॉलाजी में भारत को बड़ी सफलता मिलेगी। दरअसल, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए 10,911 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी दे दी है। इस राशि का प्रयोग अगले चार सालों तक 30 पीएसएलवी और 10 जीएसएलवी एमके-3 रॉकेट्स को लॉन्च करने के लिए किया जाएगा। बता दें कि भारत लगातार अपने अंतरिक्ष प्रोगाम को आगे बढ़ाने के प्रति अग्रसर है। आज भारत का स्पेस प्रोगाम काफी मजबूत हो चुका है। इसरो ने दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आज कई ऐसे देश हैं जो अपने सेटेलाइट्स इसरो से ही भेजवाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि दुनिया भर में इसरो के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। साथ ही साथ इसरो पैसे के मामले में भी सस्ता है। इसलिए दूसरे देश भी अपना फायदा इसरो में तलाशते हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘कैबिनेट द्वारा इसरो के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 के 10 लॉन्चिग के लिए 4,338 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इसकी मदद से हम चार टन से ज्यादा भारी सैटेलाइट्स को लॉन्च कर सकेंगे। यह अंतरिक्ष तकनीक में हमारा एक बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा,”GSLV Mk III प्रोग्राम बीते तीन से चार वर्षों में मोदी सरकार के नेतृत्व में बना है। यह मेक इन इंडिया प्रोग्राम से जुड़ा है।

कैबिनेट मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक, कैबिनेट ने 30 पीएसएलवी रॉकेट्स लॉन्च करने के लिए भी अनुमति दे दी है। इसके लिए 6,573 करोड़ रुपये अप्रूव कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसरो स्पेस प्रोग्राम्स में प्राइवेट पार्टिसिपेशन को भी प्रमोट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्पेस मिशन के अलावा भारत अक्टूबर से नवंबर के बीच चंद्रयान-2 को लॉन्च करने की तैयारी में है।

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