उत्तर प्रदेश में आम की विभिन्न प्रजातियों से जनसामान्य को अवगत कराने के लिए 23 एवं 24 जून को प्रदेश स्तरीय आम महोत्सव-2018 का आयोजन किया जाएगा। इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमतीनगर लखनऊ में होने वाले इस आयोजन में आम की लगभग 700 प्रजातियों के अलग-अलग संस्थानों, विभागों एवं निजी उत्पादकों द्वारा नमूने प्रदर्शित किये जायेंगे। आम महोत्सव के आयोजन से आम की विभिन्न किस्मों को प्रजातीय संरक्षण मिलेगा तथा आम के बागवानों में उन्नति किस्मों के प्रति रूझान बढ़ाने तथा गुणवत्तायुक्त उत्पादन तकनीक हस्तानान्तरण को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश के उद्यान निदेशक आर पी सिंह ने बताया, कि देश में उत्तर प्रदेश आम का उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा राज्य है तथा आम उत्तर प्रदेश की मुख्य बागवानी फसल है। प्रदेश में आम की सैकड़ों किस्में जैव विविधता के रूप में संरक्षित है, जिनका प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन होता है। उसमें से कुछ किस्में व्यावसायिक स्तर पर उत्पादित होती है।उन्होंने बताया कि जिसमें मुख्य रूप से दशहरी, लंगड़ा, चौसा, सफेदा, गौरजीत, आम्रपाली, बाम्बेग्रीन आदि हैं। प्रदेश में 40 से 45 लाख मीट्रिक टन आम उत्पादित होता है। जो देश के कुल उत्पादन 184 लाख मीट्रिक टन का लगभग 23 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सहारनपुर, फैजाबाद, मेरठ, बागपत, वाराणसी, बुलन्दशहर, अमरोहा आदि जिले आम उत्पादन एवं गुणवत्ता की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। श्री सिंह ने बताया कि आम महोत्सव में आम की विभिन्न किस्मों का प्रदर्शन किया जायेगा। जिससे राज्यों के आम उत्पादक अपनी आम की विभिन्न किस्मों को प्रदर्शनी में लाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। प्रदेश की प्रमुख व्यावसायिक आम की किस्मों के अतिरिक्त अन्य विशिष्ट एवं गौड़ आम की किस्मों को प्रदर्शित कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इस महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की मुख्य बागवानी फसल आम की विविधता एवं समृद्धता की आम जन को सुलभ कराते हुए इस फसल पर हो रहे प्रयोग, प्रजातीय विकास तथा आम का बहुमुखी विकास किया जाना है। निदेशक ने बताया कि इस अवसर पर आम के विभिन्न पकवान एवं प्रसंस्कृत उत्पाद आम जन को सुलभ हो सकेगी। साथ ही हार्टी टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
आम महोत्सव में आम पर सेमीनार किया जायेगा। जिसके माध्यम से नवीन तकनीकों के प्रसार के साथ ही प्रदेश के प्रगतिशील आम बागवानों को अपनी तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिये अवसर उपलब्ध हो सकेगा। इस अवसर पर आम उत्पादकों एवं विक्रेताओं तथा क्रेता/निर्यातकों की एक वायर सेलर मीट का आयोजन कराकर आम क्रेताओं एवं विक्रेताओं को एक मंच उपलब्ध कराया जायेगा। जिससे अन्य प्रान्तों से भी आम के और अधिक प्रभावी विपणन के लिए कार्यवाही की जा सकेगी।