हमारे देश के सिपाही दुश्मनों को सिर्फ आत्मबल से ही नहीं बल्कि तकनीकी और बुद्धिबल से भी धूल चटा रहे हैं। दरअसल, चीन-पाकिस्तान के हैकरों ने भारतीय फौज के एक अधिकारी का कंप्यूटर हैक करने की कोशिश की लेकिन उस अधिकारी ने भारतीय जवानों के साथ मिलकर दुश्मनों की साजिश नाकाम कर दी। बताया जा रहा है कि अगर दुश्मन कंप्यूटर हैक कर लेते तो भारत की कई खुफियां जानकारियां उन्हें प्राप्त हो जातीं। अधिकारियों ने बताया कि साइबर हमलावर उनके पासवर्ड को हैक करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन हम ने उनके मंशूबों को नाकाम कर दिया है और अब डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
भारतीय सेना बल और बुद्धि दोनों में दुश्मन को मात दे रही है। हाल ही में सेना के जवानों ने कुछ हैकरों (जो संभवत: चीनी और पाकिस्तानी थे) द्वारा सेना के आईटी सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश को विफल कर दिया है। अगर हैकर इस सिस्टम में सेंध लगाने में कामयाब हो जाते तो सेना की काफी महत्वपूर्ण सूचनाएं दुश्मनों के हाथ लग सकती थी।  सेना को शक है कि यह साइबर हमला चीन और पाकिस्तान के हैकर्स की तरफ से हुआ था, जो पिछले कुछ वर्षों से काफी सक्रिय हैं और भारतीय सेना के अधिकारियों और नेटवर्क को निशाना बना रहे हैं।

खबरों के मुताबिक, जो अधिकारी वर्चुअल मैदान पर लड़ रहे हैं वो कारगिल की लड़ाई भी लड़ चुके हैं और उन्हें वीरता मेडल भी मिल चुका है। यही नहीं, ये अधिकारी चीन सीमा पर भी काफी समय तक तैनात रहे हैं।  जानकारों का कहना है कि हैकर्स हमारी जानकारियों को हैक करके हमारे इलेक्ट्रानिक ग्रिड को नुकसान पहुंचा सकते हैं, घरेलू उड़ानों को ब्रेक कर सकते हैं और इंटरनेट कनेक्टिविटी को जाम कर सकते हैं। हालांकि साइबर हमलों से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय एक नई साइबर एजेंसी स्थापित करने की कोशिश कर रही है।

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