उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सहित सभी 5 मंत्रियों के मंत्री पद पर अब कोई खतरा नहीं रह गया है। इन सभी मंत्रियों का विधान परिषद सदस्य बनने का रास्ता अब लगभग साफ हो चुका है। इससे पहले चुनाव आयोग ने पहले केवल चार सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की थी। जिसके कारण किसी एक मंत्री के मंत्री पद पर तलवार लटकता हुआ दिख रहा था। कहा जा रहा था कि अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा को इस्तीफा देना पड़ सकता है। लेकिन मंगलवार देर रात चुनाव आयोग ने एक और सीट के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर राज्य सरकार पर आए इस संकट को टाल दिया।

आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ समेत यूपी सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा उत्तर प्रदेश विधान मंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इसके अलावा परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा भी अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। इन पांचों को पद पद पर बने रहने के लिए 19 सितंबर से पहले राज्य विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। चूंकि विधान परिषद का उप चुनाव 18 सितंबर को होगा और इसी दिन परिणाम भी आ जाएंगे, इसलिए अब पांचों के मंत्री पद पर कोई खतरा नहीं रह जाएगा।

इससे पहले विधान परिषद की 6 खली सीटों में से चुनाव आयोग ने सिर्फ 4 सीटों पर ही चुनाव कराने का निर्णय लिया था। बाकी अन्य दो सीटों पर इस्तीफा दिए पार्षदों ठाकुर जयवीर सिंह और अम्बिका चौधरी का कार्यकाल एक साल से कम होने की वजह से आयोग ने इन सीटों पर चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया था।

इसको लेकर योगी सरकार ने चुनाव आयोग में प्रतिवेदन दिया था। आयोग ने सरकार के प्रतिवेदन को स्वीकार करते हुए ठाकुर जयवीर सिंह की रिक्त सीट पर भी चुनाव कराने का निर्णय लिया है। आयोग के इस निर्णय से सभी पांच मंत्रीयों का एमएलसी बनना लगभग तय माना जा रहा है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों सपा के 4 एमएलसी यशवंत सिंह, अशोक वाजपेयी, सरोजिनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब और बसपा के जयवीर सिंह ने विधान परिषद से इस्तीफा दिया था। खबर यह भी है कि लखनऊ के मेयर और उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के इस्तीफा देने के बाद सपा से आए अशोक वाजपेयी को बीजेपी की तरफ से मेयर पद के लिए चुनाव में उतारा जाएगा।

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