भारत एवं दक्षिण कोरिया ने अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी को मंगलवार को नई ऊँचाई देते हुए समग्र आर्थिक साझेदारी करार के उन्नत बनाते हुए ‘अर्ली हारवेस्ट पैकेज’ के रूप में ठोस पहल की तथा विश्व में भविष्य को ध्यान में रखते हुए होने वाले तकनीकी बदलावों को देखते हुए ‘इनोवेशन कोऑपरेशन सेंटर’ और ‘फ्यूचर स्ट्रेटजी ग्रुप’ के गठन का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में ये फैसले लिये गये। बैठक में दोनों देशों ने आपसी सहयोग के 11 करारों पर हस्ताक्षर किये गये जिनमें दोनों देशों के आर्थिक एवं कारोबारी रिश्तों को नई ऊँचाई तक ले जाने का प्रयास किया गया। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, संचार मंत्री मनोज सिन्हा, विदेश सचिव विजय गोखले आदि मौजूद थे।
With President Moon Jae-in at the Gandhi Smriti. @moonriver365 pic.twitter.com/JGt63GW3eP
— Narendra Modi (@narendramodi) July 9, 2018
बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि हमने अपने समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते को उन्नत करने की दिशा में आज अर्ली हारवेस्ट पैकेज के रूप में एक ठोस कदम उठाया है। अपने संबंधों के भविष्य और विश्व में हो रहे तीव्र तकनीकी बदलावों को देखते हुए हमने साथ मिल कर इनोवेशन कोऑपरेशन सेंटर की स्थापना और फ्यूचर स्ट्रेटजी ग्रुप के गठन करने का भी निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण कोरिया की आर्थिक और सामाजिक प्रगति विश्व में अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है। वहां के जनमानस ने दिखाया है कि यदि कोई देश एक समान विज़न और उद्देश्य के प्रति वचनबद्ध हो जाता है तो असंभव लगने वाले लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं। कोरिया की यह प्रगति भारत के लिए भी प्रेरणादायक है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दक्षिण कोरिया की कंपनियों ने भारत में न सिर्फ़ बड़े स्तर पर निवेश किया है, बल्कि मेक इन इंडिया मिशन से जुड़ कर भारत में रोजगार के अवसर भी पैदा किये हैं। कोरियाई कंपनियों ने गुणवत्ता के प्रति अपनी वचनबद्धता से कोरियाई उत्पाद के लिए भारत के घर-घर में अपनी पहचान बनाई है।
दोनों देशों ने जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये उनमें व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सेपा) में समुद्री उत्पादों के व्यापार को सुगम बनाने के लिए बात करने पर सहमति बनी है। व्यापार संकट समाधान के करार में एंटी डंपिंग, सब्सिडी और एक दूसरे के उत्पाद पर शुल्क और संरक्षणवादी कदमों पर बातचीत एवं सहयोग के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।भावी रणनीति समूह के गठन के करार पर भी हस्ताक्षर किये गये जिसके अंतर्गत अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आधारित वाणिज्यिक परियोजनाओं खासकर इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बिग डाटा, स्मार्ट फैक्टरी, त्रिआयामी प्रिंटिंग, इलेक्ट्रिक वाहन, बुजुर्गों एवं विकलांगों के लिए एडवांस मैटेरियल और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में मिल कर काम करने पर सहमति कायम हुई है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय शोध, रेलवे के विकास में सहयोग, जैवप्रौद्योगिकीय एवं जैवआर्थिकी, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, दो हजार साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना के बारे में एक परियोजना पर भी मिल कर काम करने के करार किये गये।
Remembering Mahatma Gandhi and his noble ideals.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 9, 2018
Some moments from the Gandhi Smriti. pic.twitter.com/f20wrJbure