चीन भारत को वन बेल्ट, वन रोड’(OBOR)  में शामिल होने के लिए शुरू से ही कहता रहा है, पर भारत ने उसके इस निमंत्रण एक बार से खारिज कर दिया है। दरअसल इससे जुड़े एक सवाल पर विदेश सचिव एस जयशंकर का कहना है कि चीन से इस मामले में तुलना हमारे साथ न्याय नहीं होगा। हम इस मामले में कई तरह से अगुआ रहे हैं।

उधर भारत, जापान और अमेरिका ने मिलकर चीन की दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी बनने की कोशिश को तगड़ा झटका देने की योजना बना ली है। चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड परियोजना‘ के जवाब में अब जापान हाई-स्पीड रोड नेटवर्क योजना लाएगा, जो एशिया को अफ्रीका से जोड़गी। इसके लिए जापान भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को भी साथ लाने की तैयारी में है।

बता दें कि पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि भारत को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना “बेल्ट एंड बार्डर इनिशियेटिव” पर अपनी जिद छोड़ कर इसमें शामिल होना चाहिए। चूंकि इससे कश्मीर मुद्दे पर चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा। तो अब उस पर विदेश सचिव एस जयशंकर ने एक बयान में कहा है कि दक्षिण एशिया को जोड़ने वाला कोई भी प्रोजेक्ट अच्छा होगा लेकिन शर्त यह है कि वो सिद्धांतो के अनुरूप हो लेकिन यह नहीं है इसलिए भारत इस में शामिल नहीं हो सकता।

जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने मीडिया से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी। तारो कोनो ने बताया कि इस रणनीतिक प्रस्ताव को जल्द ही चारों देशों के समक्ष रखा जाएगा। बता दें कि जापान की इस योजना के तहत एशिया से अफ्रीका तक बंदरगाह और हाई-स्पीड रोड जाल बिछाया जाएगा। जापान की इस योजना का मकसद चीन की ओबीओआर परियोजना का मुलाबला करना है।

वहीं सूत्रों की मानें तो जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से छह नवंबर को होने वाली मुलाकात के दौरान इस बाबत प्रस्ताव रखेंगे। इसके तहत चारों देश जमीन और समुद्र के रास्ते होने वाले व्यापार और सुरक्षा मामलों में सहयोग बढ़ाएंगे।

गौरतलब है कि भारत लगातार चीन की इस योजना का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है और भारत का कहना है कि पीओके उसका हिस्सा है  पर  चीन भारत की स्वीकृति लिए बिना यहां काम शुरू करना चाहता है।

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