अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका सहित कई देश अब भारत को एक उभरती हुई महाशक्ति के रूप में देख रहे हैं जहां अब भारत की नीति-रणनीति पर सबकी निगाहें होंगी। हाल ये है कि अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में कहा गया है कि भारत सुपर पॉवर के रूप में उभर चुका है। भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति बताते हुए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि इससे भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी। साथ ही उसने कहा कि वो भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा कायम रखने के लिए भारत के नेतृत्व क्षमता के योगदान का समर्थन करता है। बता दें कि अभी तक भारत के बारे में यही कहा जाता था कि वह दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय ताकत है।
अमेरिका का मानना है कि भारत अब बदल रहा है और कई मंचों पर भारत का प्रभाव देखा जा सकता है। इसलिए भारत को हर हालत में एक वैश्विक शक्ति के रूप में देखा जाना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के दस्तावेजों में कहा गया है कि अमेरिका अब जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ सहयोग बढ़ाएगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की। सुरक्षा रणनीति में कहा गया, ‘हम भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में मज़बूत रणनीतिकार और रक्षा सहयोगी के रूप में उभरने का स्वागत करते हैं।’ बता दें कि भारत इकलौता ऐसा देश है जिसके लिए ट्रंप प्रशासन 100 वर्षीय योजना लेकर आया, यह सम्मान अमेरिका के शीर्ष सहयोगियों को भी प्राप्त नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने एशिया प्रशांत क्षेत्र को हिंद-प्रशांत क्षेत्र नाम दिया।
विदित है कि भारत और अमेरिका के संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव तब आया जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति हुए और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्होंने दोस्ती का हाथ बढ़ाया। हालांकि अमेरिका में सत्ता बदलते ही अनुमान लगाया जा रहा था कि अब अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते पहले जैसे न रहे लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा होने नहीं दिया और ट्रंप शासन को भी अपना मुरीद बना दिया। अमेरिका के इस नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में भारत को एक अहम् भूमिका सौंपा गया है। अमेरिका ने भारत को दक्षिणी और मध्य एशिया में दबदबा बनाने के लिए संकेत दिए हैं। इसके साथ ही अमेरिका चीन के बढ़ते दबाव को भी भारत के सहारे रोकने की कोशिश कर रहा है। एनएसएस में कहा गया, ‘हम दक्षिण एशियाई देशों को उनकी संप्रभुता बरकरार रखने में मदद करेंगे क्योंकि इस क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है।’ भारत ने सीपीईसी का विरोध किया था क्योंकि ये पाकिस्तान के कब्जे़ वाली कश्मीर से होकर गुजरती है। खबरों के मुताबिक सेंटर फॉर इकोनॉमिक एंड बिज़नेस रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था डॉलर टर्म्स में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ देगी।