बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में दिल्ली के एम्स और RML हॉस्पिटल के डॉक्टर भी समर्थन करते हुए विरोध कर रहे हैं। विरोध के दौरान अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं तो मिलेंगी लेकिन ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप रहने की संभावना है। FORDA (द फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) ने यह फैसला डॉक्टरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं और महाराष्ट्र में निष्कासित डॉक्टरों के समर्थन में किया है।

एम्स की रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक डॉक्टरों ने अब अपनी सुरक्षा खुद करने का फैसला लेते हुए हेलमेट पहनकर इलाज करने का निर्णय लिया है। एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. हरजीत सिंह ने कहा कि लोगों को हम पर विश्वास रखना चाहिए, न्यायपालिका से हमारा अनुरोध है, प्रशासन हमें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करे। उधर, मुंबई में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। चौथे दिन भी महाराष्ट्र में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। इसी बीच मुंबई के सायन अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ मरीज के परिजनों द्वारा हाथापाई और बदसुलूकी करने की भी घटना सामने आई है।

डॉक्टर्स की ज़िद्द और प्रदर्शन  को देखते हुए अस्पताल के डीन ने छुट्टी पर गए रेजिडेंट डॉक्टर्स को निष्काषित कर दिया और नोटिस के जरिए साफ तौर पर कहा कि गलत तरीके से आपलोग छुट्टी पर गए उसके बाद आपको 21 मार्च को ड्यूटी ज्वॉइन करने के आदेश दिए गए जिसका आप लोगों ने पालन नहीं किया इसलिए इस आदेश द्वारा आपको पद से निष्काषित किया जाता है साथ ही आपके मास्टर्स डिग्री का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई भी कॉलेज प्रशासन ने शुरू कर दी।

डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें सही तरीके से सुरक्षा मुहैया कराई जाए वरना वह हड़ताल जारी रखेंगे। इस घटना के बाद कई पुलिसकर्मी सायन अस्पताल के बाहर और अंदर तैनात कर दिए गए। रेजिडेंट डॉक्टरों ने रात भर ज़मीन पर बैठ कर प्रदर्शन करते हुए नारे लगाए।

दिल्ली में आज ओटी और वार्ड सुबह 9 से 4 तक खुले हैं, ज्यादातर डॉक्टर हड़ताल पर होंगे। हालांकि एमरजेंसी सेवा बरकरार रहने की उम्मीद है। FORDA के अध्यक्ष डॉक्टर पंकज सोलंकी ने कहा, “काफी समय से ही डॉक्टरों पर अत्याचार हो रहा है, हम सुरक्षा चाहते हैं, हम अपने साथियों के साथ हैं।

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