देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मौजूदा केंद्र सरकार एक के बाद एक कई बड़े कदम देखने को मिलते रहे हैं। पहले नोटबंदी का बड़ा फैसला, फिर देश को कैशलेस ट्रांजेक्शन के प्रति जागरूक करना ताकि भ्रष्टाचार में कमी आ सके, बेनामी संपत्ति पर कड़ा एक्शन लेना और फिर आयकर विभाग द्वारा लगातार मारे जा रहे छापों से साफ है कि सरकार देश से भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या को खत्म करने की पूरी कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में अब गृहमंत्रालय भी एक्शन में आ गया है।

Home Ministry seeks information from thousands of NGOs for foreign fundsगृह मंत्रालय की गाज अब देश के बड़े-बड़े एनजीओ के ऊपर गिरने वाली है या यू कहें कि गिर ही गई है। अब मंत्रालय ने विदेशी चंदे के मुद्दे पर एनजीओ से जवाब मांगा है। खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने 2000 से अधिक एनजीओ को विदेशी फंडिंग के मुद्दे पर अपने बैंक अकाउंट की जानाकारी देने को कहा है।  गृह मंत्रालय ने कहा कि ऐसा ना करने पर एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी गृह मंत्रालय विदेशी फंडिंग के मुद्दे पर कई एनजीओ के खिलाफ सख्ती बरत चुका है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में इस बात की जानकारी दी गई थी।  नोटिफिकेशन के अनुसार, विदेश फंडिंग के एक्ट के तहत आने वाले सभी एनजीओ को एक निर्धारित बैंक अकाउंट में ही विदेशी चंदा लेना होगा। मंत्रालय ने इस साल 50 प्रतिशत से ज्यादा एनजीओ पर कार्रवाई करते हुए उनका एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए थे। एक सरकारी आंकड़ों के अनुसार 33 हजार में से पिछले 1 साल में गृह मंत्रालय ने 20,000 एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।  हालांकि इन सब के बीच लगभग 3,000 संस्थाओं की लाइसेंस रिन्यू करने की भी ताजा अर्जी मिली है।

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