उत्तर प्रदेश में उफनती नदियों ने कहर बरपा रखा है। हजारों गांव बाढ़ के पानी में घिरे गए हैं। कटाव से कई गांवों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। लोग अपना घर-बार छोड़कर दर-बदर भटकने को मजूबर हुए हैं। बाढ़ से बचने के लिए लोगों ने स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर शरण ले रखी है। सरकारी स्तर पर राहत सामग्री बांटी जा रही है। लेकिन इसका कितना लाभ पीड़ितों तक पहुंच रहा है। इसका हाल जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौका मुआयना करने पहुंचे। उन्होंने चार जिलों का दौरा किया। हालात का जायजा लिया और अपने हाथों से कुछ पीड़ितों को राहत सामग्रियां भी दी।

मुख्यमंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत बस्ती से की। जिले के दुबौलिया ब्लॉक के कटारिया बांध का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बाढ़ के हालात का जायजा लिया तो पीड़ितों से मिलने वाली सरकारी मदद और राहत के बारे में जानकारी ली। साथ राहत सामग्री के मसले पर पिछली सरकारों पर तंज भी किया। बस्ती के बाद मुख्यमंमत्री गोंडा पहुंचे और वहां भी बाड़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्रियां दी। साथ ही अधिकारियों से लोगों के घरों तक राहत सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।

गोंडा से मुख्यमंत्री बाराबंकी पहुंचे। बाराबांकी में नदियों ने कहर बरपा रखा है। यहां बड़ी संख्या में लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सभी को राहत सामग्री प्रदान की गई। सीएम ने दावा किया कि बिना किसी भेदभाव के बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंच रही है। उन्होंने बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान निकालने का भी भरोसा दिलाया। और उनकी सरकार दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।

बाराबंकी से मुख्यमंत्री सीतापुर पहुंचे और वहां बाढ़ से बिगड़े हालात और पीड़ितों को मिल रही मदद के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने पहले ही अपने मंत्रियों और विधायकों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कैंप करने को कहा था। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम करने पर अधिकारियों की पीठ थपथपाई तो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कैंप करने के लिए जनप्रतिनिधियों को सराहा भी। सीएम ने भरोसा दिलाया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में पैसे की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। हालांकि, बस्ती में सीएम को कुछ लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। उनका कहना था कि वो भी बाढ़ से प्रभावित हैं। लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली।

                                               ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन

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