हिमंत बिस्वा सरमा असम के नए मुख्यमंत्री होंगे। मुख्यमंत्री के नाम पर राज्य में पिछले एक हफ्ते से चर्चा हो रही थी। लंबे विचार विमर्श के बाद हिमंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया गया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में हिमंत बिस्वा सरमा के नाम पर सहमति बनी है। सर्वानंद सोनोवाल इस रेस में पिछड़ गए हैं। विधायक दल की बैठक में सर्वानंद सोनोवाल ने ही उनका नाम आगे बढ़ाया था, जिस पर सभी ने सहमति जताई।

बता दें कि, लंबे समय से असम की बागडोर सर्वानंद सोनोवाल ही संभाल रहे थे। लेकिन अब हिमंत की बारी है। सोनोवाल ने अपना इस्तीफा राज्यपाल जगदीश मुखी को सौंप दिया है। सर्वानंद सोनोवाल और बीजेपी विधायक नंदिता गरसोला ने उनके नाम का प्रस्वात रखा था, जिस पर बाकी विधायकों ने सहमति जताई।

चुनाव सर्वानंद सोनोवाल के चेहरे पर ही लड़ा गया। लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस बार सीएम पद के चेहरे की घोषणा नहीं की थी। यहीं से माना जाने लगा था कि इस बार पार्टी बदलाव की तैयारी कर रही है। जब बीजेपी ने सीएम के चेहरे की घोषणा नहीं की, तभी से हिमंत बिस्वा सरमा को इस रेस में आगे माना जाने लगा था। कांग्रेस से बीजेपी में आए हिमंत बिस्वा नॉर्थ ईस्ट में पार्टी के बड़े चेहरे हैं। उन्हें नॉर्थ ईस्ट का चाणक्य भी कहा जाता है।

हिमंत बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी 1969 को गुवाहाटी के गांधी बस्ती, उलूबरी में हुआ। कैलाश नाथ शर्मा है। जिनकी मौत हो चुकी है। माता मृणालिनी देवी हैं। पत्नी का नाम रिनिकी भुयान है। उनके दो बच्चे हैं। उन्होंने 1990 में ग्रेजुएशन और 1992 में पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 1991-1992 में कॉटन कॉलेज गुवाहाटी के जनरल सेक्रेटरी रहे। सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी किया और गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की डिग्री हासिल की।

बता दें कि, हिमंत बिस्वा सरमा के इस रेस में जीतने की एक बड़ी वजह उनकी विजिबिलिटी भी है। पिछली सरकार में वो स्वास्थ्य मंत्री थे, लेकिन हर जगह नजर आते थे. हिमंत कांग्रेस सरकार में भी एक्टिव थे और वो जो भी काम करते हैं उनका काम सबको नजर आता है।

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