Hijab Vivad पर उडुपी बीजेपी विधायक का बयान कहा- यह एक “अंतरराष्ट्रीय साजिश” है

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Hijab Vivad
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Hijab Vivad: कर्नाटक के उडुपी में हिजाब को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। हिजाब विवाद के कारण हुई हिंसा की घटनाओं के कारण कर्नाटक में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। बढ़ते विवाद के बीच उडुपी जिले में धारा 144 लगा दी गई है। वहीं उडुपी जिले में 14 फरवरी की सुबह 6 बजे से 19 फरवरी की शाम 6 बजे तक धारा 144 लागू रहेगी। हिजाब विवाद की शुरुआत उडुपी के कॉलेजों से शुरू हुई थी और धीरे- धीरे अब इसकी गूंज देश के कई हिस्सों में सुनाई दे रही है।

Hijab Vivad
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जिसके बाद इस मामले में उडुपी से भाजपा विधायक रघुपति भट (Raghupati Bhat) का बड़ा बयान सामने आया है। विधायक ने कहा कि इस मामले की उन्होंने एनआईए(National Investigation Agency) से जांच कराने की मांग की है, क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है।

Hijab Vivad पर बीजेपी विधायक को आ रहें है धमकी भरे फोन कॉल

इस विवाद के बाद उडुपी से भाजपा विधायक रघुपति भट को धमकी भरे फोन कॉल आ रहे हैं। बीजेपी विधायक ने कहा कि उन्हें इंटरनेट कॉल के जरिए लगातार धमकी मिल रही है। यह कॉल ज्यादातर विदेशों से है। विधायक रघुपति भट ने कहा कि पाकिस्तान के अलावा कोई मुस्लिम देश हमारे खिलाफ नहीं है। उडुपी में हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि यह उनका धार्मिक अधिकार है, लेकिन स्कूलों में वर्दी का पालन करना जरूरी है।

वहीं रघुपति भट उडुपी के पीयू कॉलेज की विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं, और पीयू कॉलेज से यह हिजाब विवाद गरमाया है। बता दें कि 05 फरवरी को राज्य में ड्रेस कोड लागू किया गया था, जिसके बाद से ड्रेस कोड का विरोध जारी है। वहीं दूसरी तरफ हिजाब विवाद के चलते कर्नाटक हाई कोर्ट में भी सुनवाई जारी है।

क्या है मामला?

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कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब पहनी हुईं छात्राओं को कक्षा लेने की अनुमति नहीं मिली थी। जिसके बाद से पूरे देश में हिजाब और कॉमन ड्रेस को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ छात्राएं इस मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट भी पहुंची हैं और मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। Supreme Court में दाखिल एक याचिका में Common Dress Code लागू करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि यह न केवल समानता, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के मूल्यों को बढ़ाने के साथ एक न्यायपूर्ण और मानवीय समाज बनाने के लिए आवश्यक है। बल्कि यह जातिवाद, सांप्रदायिकता, वर्गवाद, कट्टरवाद, अलगाववाद के खतरे को कम करने के लिए भी आवश्यक है।

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