Hijab Controversy: लड़कों का झुड कंधे पर भगवा गमछा डाले आगे बढ़ रहा था। लड़के नीली पैंट और सफेद शर्ट में नजर आ रहे थे। उनके साथ कुछ लड़कियां भी थीं। वो लड़कों के साथ सुर में सुर मिलाकर चिल्ला रहीं थीं Ban Hijab, इस झुंड को देखकर वहां पर मौजूद लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिशि की, पर वे एक ही नारा Ban Hijab लगा रहे थे। घटना फरवरी 2022 में कर्नाटक (Karnataka) के उड्डुपी (Udupi) के कुंडापुर के सरकारी First Grade College और स्कूल में हुई थी। भगवा गमछमा पहनकर लड़कों का विरोध करना कॉलेज के प्रबंधन पर इतना असर कर गया कि उन्होंने हिजाब पहन कर आने वाली लड़कियों की कॉलेज में एंट्री बंद कर दी। लड़कियों के सामने शर्त रखी गई कि वे अगर हिजाब को कॉलेज के बाहर उतार कर आती हैं तो उन्हें प्रवेश मिलेगा।
Hijab Controversy की शुरुआत
हिजाब बनाम भगवा का मामला अचानक शुरू नहीं हुआ। दरअसल दिसंबर 2021 में कर्नाटक का उड्डुपी जिला, उड्डुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स से एक विवाद शुरू हुआ। कुछ मुस्लिम छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें क्लास में हिजाब पहनने से रोका गया है। जनवरी में उन छात्राओं ने कॉलेज कैंपस में ही प्रोटेस्ट किया। इसको स्थानीय मीडिया ने उछाल दिया। इस विवाद में फिर अलग अलग संगठन कूद गए। हिंदू संगठन मांग करने लगे कि उन्हें भी स्कूल कॉलेजों में धार्मिक प्रतीक इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए। यहीं से हिजाब का विरोध शरू हुआ और अब तक खत्म नहीं हुआ है।
कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब बनाम भगवा का खेला पूरे भारत में फैल गया है। मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली में स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब बैन करने की मांग उठ रही है। कर्नाटक के जिस स्कूल-कॉलेज में बवाल हुआ था वहां पर हिजाब पहन कर जाने वाली छात्राओं को भीतर जाने की इजाजत नहीं है। इस कारण कई छात्राओं ने अपनी परीक्षा को छोड़ दी और महिला टीचरों ने पढ़ाना तक छोड़ दिया।
Hijab Controversy पर कोर्ट
छात्रों की मांग है कि कक्षा में अगर कोई हिजाब पहन कर बैठता है तो हमें भी भगवा गमछा पहन कर बैठने की इजाजत होनी चाहिए। खुद के साथ नाइंसाफी होते हुए देख हिजाब वाली छात्रों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लगातार सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने अंतिम फैसला आने तक हिजाब पर बैन लगा दिया है। कुछ ही दिनों में हाई कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाएगा।
हिजाब के विरोधियों का समर्थन कई मंत्रियों और नेताओं के साथ ही आम लोगों ने किया है। उनका कहना है कि शिक्षण संस्थान जहां पर सभी बच्चों के लिए नियम कानून एक होते हैं। जहां पर समानता का पाठ पढ़ाया जाता है। वहां पर हिजाब को जगह नहीं दी जानी चाहिए, इससे छात्रों के बीच भेदभाव बढ़ेगा।
Hijab Ban
इन 7 देशों सहित कई और देशों में भी हिजाब पर प्रतिबंध है। हिजाब विवाद के पूरे देश में बहस तेज़ है कि क्या ‘हिजाब पितृसत्तात्मक सोच का नतीजा’ है? पर हिजाब पहनने की मांग करने वाली अधिकतर लड़कियां ही शामिल हैं।
फ्रांस
रूस
चीन
डेनमार्क
बेल्जियम
नीदरलैंड
श्रीलंका
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