परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, आरोप तो काफी गंभीर है। पर आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। कोर्ट ने परमबीर को हाईकोर्ट जाने की नसीहत दी है। कोर्ट ने कहा कि, हम आप की याचिका को यहीं खारिज करते हैं। आप को पहले हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ेगी।

अनिल देशमुख के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र CBI जांच की मांग करने वाली परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने किया। मीडिया जगत की नजरें इसी खबर पर टीकी हुईं थी।

महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त भूचाल मचा हुआ है। राजनीतिक गलियारों में तूफान इस कदर आया हुआ है कि, शिव सेना की गठबंधन वाली सरकार खतरे में है। परमबीर की पत्र वाली आंधी में एनसीपी, कांग्रेस और शिव सेना की गठबंधन वाली सरकार उड़ने वाली है। हालांकि, शरद पवार ने समय रहते हुए सब कुछ संभाल लिया था। लेकिन एक बार फिर परमबीर ने अनिल देशमुख की मुश्किले बढ़ा दी हैं। परमबीर द्वारा उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र को लेकर शरद पवार सभी आरोपों को खारिज कर रहे हैं। इसलिए पूर्व कमिश्नर ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था।

परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से उनके तबादले को ‘मनमाना’ और ‘गैरकानूनी’ होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है। परमबीर सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।

दरअसल मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के इस्तीफे के बाद उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में परमबीर सिंह ने लिखा है कि, मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे से एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख जबरन वसूली कराते थे। पत्र द्वारा लगाए आरोपों को लेकर जब शरद पवार से मीडिया ने पूछा तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। शरद पवार लगातार अनिल देशमुख का बचाव कर रहे हैं। वहीं परमबीर ने नेताओं को छोड़ सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ की मांग की है।

इस पूरे सियासी घमासान के बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं की बैठक में पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई।

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