आगरा में बंदरों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नौ दिन के भीतर 12 दिन के अबोध बच्चे समेत तीन की मौत हो चुकी है। इनमें दो महिलाएं शामिल हैं। बंदरों के हमले में विदेशी पर्यटकों समेत कई स्थानीय लोग घायल भी हो चुके हैं।

एत्माद्दौला के फाउंड्री नगर स्थित फैक्ट्री में बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे बंदरों के झुंड ने टिन शेड और ईंटे गिरा दीं, जो मजदूर पूनम देवी  के सिर में जा लगीं। वो लहूलुहान हो गई। फैक्ट्री कर्मी उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां डाक्टरों ने उन्हें मृत बताया।

बता दें कि उत्पाती बंदरों के हमले से नौ दिन में यह तीसरी जान गई है। पूनम देवी के पति रानू कुमार चेन बनाने की फैक्ट्री में काम करते हैं। रानू कुमार मूल रूप से पटेल नगर जीवनी मंडी के रहने वाले हैं। फिलहाल, शोभा नगर के पास भगवती बाग में किराए के मकान में रह रहे हैं।

दरअसल, पूनम नमक बनाने वाली फैक्ट्री में काम करती थीं। वह पैकिंग का काम कर रही थीं। तभी कई सारे बंदर अचानक आए। वे फैक्ट्री की दीवार पर तेजी से दौड़े। इसके कंपन से सीमेंट की टिन शेड और कुछ ईंटें गिर पड़ीं। जो पूनम के सिर में जाकर लगीं।

रानू ने बताया कि फैक्ट्री कर्मी तेजी से दौड़े, पूनम को डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। उधर मजदूरों ने घटना के बाद हंगामा किया। उन्होंने शव को फैक्ट्री में रखकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की। पुलिस के पहुंचने पर शांत हुए। एत्माद्दौला थाना के इंस्पेक्टर ने बताया कि बंदरों ने टिन शेड और ईंटे गिराई थी। इनसे ही पूनम को चोट लगी और उनकी मौत हुई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है।

वहीं बुधवार को ही ताजमहल देखने आई इटली की महिला पर्यटक मरियम पर बंदरों ने हमला कर दिया। मरियम पश्चिमी गेट के पास अमानती सामानघर में अपना सामान जमा कर टिकट काउंटर की ओर जा रही थी तो नीम तिराहा के पास बंदर ने उस पर हमला कर दिया।

इससे पहले 12 नवंबर को रुनकता में बंदरों ने 12 दिन के मासूम सनी की जान ली थी। उसे उसकी मां नेहा की गोद से छीन लिया था और मार डाला था। इस घटना के बाद बंदर रुनकता में 10 और बच्चों पर हमला कर चुके हैं। अबोध बच्चे की मौत के अगले ही दिन 13 नवंबर को कागारौल में बंदरों ने वृद्धा भूरन देवी पर हमला किया और उनकी जान ले ली। यहां भी कई लोगों पर बंदर हमला कर चुके हैं।

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