लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार हर सेक्टर के लोगों को खुश करने में जुटी है। इसी क्रम में सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को डबल तोहफा देने की तैयारी कर ली है। इसके तहत सरकार ग्रेच्युटी को लेकर बड़ा बदलाव कर सकती है, वहीं न्यूनतम पेंशन को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती हैं।

माना जा रहा है कि 4 दिसंबर को ईपीएफओ की बैठक के बाद सरकार लाखों नैकरीपेशा लोगों को दोहरी खुशखबरी दे सकती है। सरकार ग्रेच्युटी की समय सीमा को 5 साल से घटाकर 3 साल कर सकती है। वहीं न्यूनतम पेंशन जैसे मुद्दे पर भी बड़ा फैसला ले सकती है। अगर इस पर सहमति बन जाती है तो नौकरीपेशा लोगों को डबल तोहफा मिलेगा।

आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय न्यूनतम पेंशन पर अपनी मंजूरी पहले ही दे चुका है। माना जा रहा है कि सरकार पीएफ की तर्ज पर ग्रेच्यूटी के लिए यूएएन जैसा खाता बना सकती है। साल 2015 में पीएफ के लिए यूएएन की शुरुआत की गई थी। इससे पीएफ को अलग-अलग खातों में रखने के बजाए एक ही यूएएन में देखा जा सकता है। सरकार ऐसा ही अब ग्रेच्युटी के लिए कर सकती है। ऐसा करने से लोग अपने ग्रेच्युटी चेक कर सकेंगे।

सरकार न्यूनतम पेंशन को 2000 रुपए करने का फैसला कर सकती है। जो फिलहाल 1000 है। इस फैसले से जहां लाखों पेंशनभोगियों को लाभ होगा तो वहीं सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा।

माना जा रहा है कि न्यूनतम पेंशन के बढ़ाने से ईपीएफओ पर करीब 3000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इस बढ़ोतरी से ईपीएस के 40 लाख पेंशन धारकों को सीधा फायदा होगा, जिसमें से 18 लाख लोगों को 1000 रुपए की न्यूनतम पेंशन मिलती है जबकि 22 लाख लोगों की पेंशन 1500 रुपए महीना है।

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