पूर्व कांग्रेस नेता और दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रह चुके योगानंद शास्त्री राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस को छोड़ने का कारण बताते हुए उन्होंने मीडिया से कहा कि कांग्रेस अब पंडित नहेरू के समय की कांग्रेस नहीं रही। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गयी। आज के वक्त में पार्टी के लिए जो लोग योगदान देना चाहते हैं उनको पार्टी की ओर से अहमियत नहीं दी जाती है।
‘कांग्रेस में जमीनी कार्यकर्ता की पूछ नहीं‘
उन्होंने कहा कि मैं पार्टी आलाकमान को दोष नहीं देना चाहता लेकिन सच्चाई सब जानते हैं कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ता की कोई पूछ नहीं है। योगानंद शास्त्री ने साल 2020 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वे 2008 से 2013 के बीच दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रहे। उन्होंने शीला दीक्षित सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री काम भी किया था।
कौन हैं योगानंद शास्त्री?
योगानंद शास्त्री तीन बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य रहे। वे दिल्ली की महरौली और मालवीय नगर विधानसभा सीट से विधायक रहे। साल 1998-2003 तक वे शीला दीक्षित सरकार में विकास, खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे। 2003 – 2008 तक वे स्वास्थ्य़ एवं सामाजिक कल्याण मंत्री रहे। दो बार मंत्री रहने के बाद उन्हें 2008 के विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली विधानसभा का स्पीकर बनाया गया।
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