कोरोना वैक्सीन का इंतजार पुरी दुनिया लंबे समय से कर रही है। उम्मीद है की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन अगले साल की शुरुआत तक उपलब्ध हो जाएगी। कोरोना वैक्सीन की पहली डोज एक करोड़ फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी। इसकी सूची भी तैयार कर ली गई है।
वैक्सीन बाजार में आते ही इनका टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। एक अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर बने एक्सपर्ट ग्रुप ने एक करोड़ लोगों की ड्राफ्ट लिस्ट तैयार कर ली है। राज्यों से इनपुट्स मांगे गए थे।
92% सरकारी अस्पतालों ने डेटा दिया है।
सूत्र के अनुसार, देश के 92% सरकारी अस्पतालों ने डेटा दिया है। इसके अलावा 56% निजी अस्पतालों से भी डेटा आ गया है। एक्सपर्ट ग्रुप के सदस्य ने अखबार से कहा कि ‘हम अब ऐडवांस्ड स्टेज में हैं।’
अखबार के अनुसार राज्य सरकारों ने फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स के डेटा को भी कई विभाग में बांटा है। इनमें एलोपैथिक डॉक्टर्स, आयुष डॉक्टर्स, अस्पतालों की नर्सें, आशा वर्कर्स और एएनएम शामिल हैं। लेकिन इसका टीकाकरण से कोई लेना-देना नहीं होगा।
वैक्सीन पूरे एक करोड़ लोगों को लगेगी
वैक्सीन पूरे एक करोड़ लोगों को लगेगी, उसमें कोई प्राथमिकता की बात नहीं है। टीकाकरण कार्यक्रम की ट्रेनिंग और लागू कराने में में मेडिसिन और नर्सिंग के स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेंबर्स को भी शामिल किया जाएगा।
जुलाई 2021 तक उसे 40 से 50 करोड़ डोज मिल जाएंगी।
सरकार ने उम्मीद जताई है कि, जुलाई 2021 तक उसे 40 से 50 करोड़ डोज मिल जाएंगी। इनकी मदद से 20-25 करोड़ भारतीयों का टीकाकरण हो सकेगा। अक्टूबर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा था कि प्राथमिकता उन लोगों को दी जाएगी जिन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा है।
इन लोगों में हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग और ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें अन्य बीमारियां हैं। सरकार अगले साल जुलाई तक इन सभी का टीकाकरण करना चाहती है।
डेटाबेस तैयार
हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का डेटाबेस आज होने वाली एक अहम बैठक से पहले तैयार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वैक्सीन को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विस्तार से चर्चा करेंगे। इसमें नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल और स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण भी मौजूद रहेंगे।
ये दोनों वैक्सीन पर बने एक्सपर्ट ग्रुप में शामिल हैं। दोनों अधिकारी मीटिंग में एक विस्तृत प्रजेंटेशन के जरिए टीकाकरण अभियान का पूरा खाका सामने रखेंगे।
पिछले एक हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी को कई बार वैक्सीन से जुड़ी तैयारियों से रूबरू कराया गया है। राज्य और जिला स्तर पर टेस्ट रन भी हो रहे हैं। कोल्ड चेन्स को बेहतर बनाने और सीरिंग व नीडल्स हासिल करने को लेकर भी मीटिंग्स में चर्चा हुई है।
देश में इस वक्त पांच वैक्सीन ऐडवांस्ड स्टेज में हैं जबकि एक शुरुआती स्टेज में है।
ऑक्सफर्ड वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल का एनरोलमेंट सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने पूरा कर लिया है। यूके में इस वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल का अंतरिम एनालिसिस जारी कर दिया गया है। अगर वहां इसे इमर्जेंसी अप्रूवल मिलता है तो भारत में भी SII इस ओर आगे बढ़ेगी।
भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन Covaxin का फेज 3 ट्रायल अभी शुरू किया है।
जायडस कैडिला की वैक्सीन ZyCov-D का फेज 2 ट्रायल पूरा हो चुका है।
रूस की Sputnik V का फेज 2-3 ट्रायल डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज ने शुरू कर दिया है।
बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन अभी शुरुआती फेज 1-2 ट्रायल में है।