मध्य प्रदेश के मंदसौर में चल रहे किसान आंदोलन के उग्र होने पर सीआरपीएफ के द्वारा फायरिंग की खबर आई है, जिसमें 2 किसानों की मौत हो गई जबकि 4 किसान गंभीर रुप से घायल हो गए।

Firing on farmers performing in Madhya Pradesh, 2 killedप्राप्त जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में किसानों का आंदोलन आक्रामक रूप लेता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में मंदसौर में प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। हालात काबू में ना होने पर प्रशासन ने सीआरपीएफ की टीम को बुलाया। सीआरपीएफ की टीम जब मौके पर पहुंची, तब प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया।

हालात संभलता न देख सीआरपीएफ ने फायरिंग शुरु कर दी, जिसमें 2 किसानों की मौत हो गई और 4 किसान घायल हो गए। घायल किसानों की हालत गंभीर है और वे जिला चिकित्सालय में भर्ती हैं। घटना के बाद मंदसौर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवाओं और बल्क मैसेज पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस के द्वारा फायरिंग की घटना से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच-छह दिनों से मंदसौर और नीमच में असमाजिक तत्व आगजनी और लूटपाट करने का काम कर रहे हैं। वे रेल की पटरियों को तोड़ रहे हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पुलिस के साथ कई दिनों से मारपीट हो रही है और इसमें एक पुलिसकर्मी की आंख भी फूट गई। लेकिन हमने फिर भी किसी भी सख्ती के निर्देश नहीं दिए।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को लेकर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है और मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए और घायलों को एक लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई।

वहीं घटना के बाद राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है। किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेश व्यापी बंद का ऐलान किया है। आंदोलन के नेता शिव कुमार शर्मा उर्फ कक्का जी का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में लिखा था कि सत्ता आने पर किसानों को लागत मूल्य से 50 प्रतिशत ज्यादा दर पर उत्पाद का समर्थन मूल्य मिलेगा, मगर सत्ता में आने के बाद पार्टी वादे से मुकर गई है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के मामले में भी किसानों को महज वादा ही नसीब हुआ है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के किसानों ने फसल के उचित दाम, कर्ज माफ़ी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की थी।

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