कश्मीर में सेना की सख्ती और कई खूंखार आतंकवादियों के मार गिराए जाने के बाद आतंकी संगठन घबरा गए हैं और अब धर्म के नाम पर देश के मुस्लिमों को जोड़ने की कोशिश कर रहें हैं। इसी कड़ी में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के निष्कासित कमांडर जाकिर मूसा ने एक चार मिनट की ऑडियो क्लिप जारी कर इस्लामिक जिहाद का हिस्सा नहीं बनने के लिए भारतीय मुसलमानों को कोसा है। दरअसल ये बयान बौखलाहट में दिया गया ज्यादा नजर आ रहा है। लेकिन ये भी संभव हो कि ये बयान मुसा का अपना बयान न हो किसी और की जुबान को वह अपनी जुबानी कह रहा हो। सवाल ये उठ रहा है कि उसके इस बयान के पीछे किसका हाथ हो सकता है।

मंगलवार 6 जून को एपीएन न्यूज के खास कार्यक्रम मुद्दा में दो अहम विषयों पर चर्चा हुई। इसके पहले हिस्से में आतंकवादी मुसा के बयान पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन), ले.ज. रि. ए.के बख्शी (रक्षा विशेषज्ञ), ब्रिगेडियर रि. बी.डी मिश्रा (रक्षा विशेषज्ञ), मौलाना मुफ्ती इरफान मियां फिरंगी महली (मुस्लिम धर्मगुरु), सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव (प्रवक्ता यूपी कांग्रेस) नरेन्द्र सिंह राणा (प्रवक्ता यूपी बीजेपी) शामिल थे।

ए के बख्शी ने कहा कि हम लोग मुसा के बयान को बहुत ज्यादा महत्व दे रहे हैं। अगर आप उसका बैकग्राउंड देखिए तो वह खुद स्कूल ड्रापआउट है ड्रग एडिक्ट है वो आतंकवाद में शामिल हुआ। शायद वो अलकायदा के समूह में शामिल है या नही ये भी पक्का नही है। उसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है उस पर काफी तथ्य निकलकर आये है। उसकी छवि बहुत समझदार और नेता के जैसी नही है। ये एक तोते जैसा है जो किसी के हाथ में चला गया है। वो कोई आतंकवादी हरकत करेगा और मारा जायेगा।

बी डी मिश्रा ने कहा कि 1989 से ये समस्या कश्मीर में शुरु हुआ है। वहां पर उन्होने जो हासिल किया वो ये था कि वहां पर जितने भी हिन्दू थे उनको भगा दिया। 4 लाख लोग वहां से बेघर हो गये वो हिम्मत नही कर पाते हैं आज की तारीख में वहां पर वापस जाने की। वहां पर जो राजनीतिक पार्टीयां और अलगाववादी हैं इनका न तो कोई जमीर है न इनका कोई ईमान है।

मौलाना मुप्ती ने कहा कि हिन्दुस्तान का हर मुसलमान जिस तरह से अपने ईस्लाम से प्यार करता है उसी तरह से उसको अपने वतन से भी मोहब्बत है। हर मुसलमान जब भी मौका पड़ता है वो खाली नारे नही लगाता है जान भी दे देता है। इस वक्त जो कुछ भी चल रहा है वो सब कुछ बाहर की सियासी साजिश है।

नरेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि हमारा मुल्क केवल सत्तर साल पहले बना मुल्क नही है जिसमें राजनीत आयी। ये मुल्क मुगलों और अंग्रेजों से वर्षो तक संघर्ष किया ऐसा कालखंड इस मुल्क का रहा है। लेकिन ये मुल्क निसंदेह प्रेम पैदा करने वाला मुल्क है। सबको समान अवसर सबको स्वीकार करने वाला मुल्क है।

सिद्धार्थ प्रिय ने कहा कि रास्ते हिन्दुस्तान में जो बन रहे हैं जिस तरह के लोग उभर रहे हैं इसके पीछे कारण क्या है। भारतीय सेना ने आज जब स्वतंत्र रुप से बागडोर अपने हाथों में लिया और कोई राजनैतिक सहयोग नही मिल रहा है तो आज दूर-दूर तक कही कोई पत्थरबाजी सुनने को नही मिल रही है।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि जो लोग कश्मीर में अशांती फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वहां पर हिंसा कर रहे हैं निश्चित तौर पर उनके असली मंसूबे कुछ और है। उनके पीछे कोई और लोग हैं और जब उनको ईट का जवाब पत्थर से मिल रहा है तो निश्चित तौर वो नये रास्ते अपनायेंगे और नई तरह की बात करेंगे। ये जो मुसा का बयान है इसको अनावश्यक रुप से तूल दिया जा रहा है। जो मकसद उसका इस बयान को जारी करने का है वो ये है कि उसका जो कद है उसको हीरो के तौर पर लिया जाये। पब्लिक के बीच में जाने से चर्चा होने से उसका कद बढ़ेगा।

नींद से जागी कांग्रेस

देश में हाल में हुए पांच विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की आज पहली बैठक हुई। इस बैठक में राहुल गांधी समेत कई नेता मौजूद रहे। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए सरकार सिर्फ टीवी में हीरो दिखती है  और असल में वो जीरों है। आजाद ने कहा कि एनडीए सरकार के 3 साल पूरे हो गए हैं और हर मोर्चे पर यह सरकार विफल रही है। आजाद ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कश्मीर सहित दूसरे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई । अब सवाल ये उठ रहे है कि क्या इस बैठक को कांग्रेस के बदलाव की तरह देखा जा सकता है। क्या कांग्रेस का ये कदम उसकी वर्तमान स्थिति को बदलने में मददगार साबित होगा।  

इसके दूसरे हिस्से में सीडब्लूसी के बैठक के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए भी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू, सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव, व नरेन्द्र सिंह राणा शामिल थे।

सिद्धार्थ प्रिय ने कहा कि कांग्रेस कभी नींद में नही थी मीडिया की नजरों में आज हो सकता है दिखाई दिया हो। सीडब्लूसी जब बैठती है तो व्यापक स्तर पर उस पर चर्चा होती है। किसी एक मुद्दे पर वो नही बैठती है।  कार्यकर्ताओं की इच्छा थी कि इन सरकारों के खिलाफ हम सड़को पर उतरें। यूपी में हम सड़को पर निकल चुके हैं।

नरेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि लोकतंत्र जनता का मंदिर होता है। इसमें जनता चुनती है जनता जिसको उचित समझती है उसको अपना प्रतिनिधी चुनती है। कांग्रेस से मैं कहना चाहता हूं कि केरल में गाय को जो इन्होने काटा है उस पर भी चर्चा हुई। भारत के नक्शे को काटकर जो गुलाम नबी आजाद ने बूकलेट जारी की उस पर चर्चा हुई। बीजेपी जब चर्चा करती है तो ये करती है कि आज तक इस देश में गरीबी क्यों है भूखमरी क्यों है। अगर सत्ता देखें तो सत्तर साल में साठ साल तो कांग्रेस के हाथ में रही। तो ये सब क्यों नही हुआ।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि इस बैठक में राष्ट्रपति के चुनावों पर विस्तार से चर्चा हुई होगी। लेकिन सामान्यत: इस बैठक से कांग्रेस में कोई बड़ा परिवर्तन आ जायेगा ये नही लगता। कांग्रेस को अपने अंदर ये बदलने की जरुरत है जब तक कांग्रेस के बड़े नेताओं को बोलने की आजादी देकर खुले मंच से विचार विमर्श करने का मौका नही देती तब तक चीजें बहुत हद तक ठीक नही हो सकती है।

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