बैतूल के लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस सेकंड ईयर छात्र यश पाठे खुदकुशी मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक एमबीबीएस छात्रा श्रुति ने यश के साथ 11 जून को ड्रग्स ली थी। नशे में दोनों का विवाद हुआ था इसके अगले दिन श्रुति अपने दोस्तों के साथ यश के कमरे पर पहुंची और उसे पीटवाया और नग्न वीडियो बनाया। इससे यश डिप्रेशन में आ गया और भोपाल से बैतूल लौटकर 13 जून की रात फांसी लगाकर जान दे दी।

यश को नंगा करके पिटवाया, दो गिरफ्तार, शेष की तलाश

आरोप यह भी है कि श्रुति ने ही यश को ड्रग की लत लगवाई थी। पुलिस की पूछताछ में श्रुति के दोस्त गौरव दुबे ने इसका खुलासा किया है। इस मामले में श्रुति समेत 5 को पुलिस ने आरोपी बनाया है। पुलिस ने यश सुसाइड मामले में आरोपी गौरव दुबे और आकाश सोनी को गिरफ्तार किया है। जबकि शालीन उपाध्याय, कार्तिक खरे और श्रुति की गिरफ्तारी बाकी है।

विधानसभा के पूर्व सचिव की बेटी ड्रग एडिक्ट, लेडी डॉन बनने की थी चाहत

श्रुति, विधानसभा के पूर्व सचिव सत्यनारायण शर्मा की बेटी है। वहीं आरोपी आकाश सोनी ने पुलिस को बताया कि श्रुति ने यश पर चोरी का इल्जाम लगाकर उसकी पिटाई कराई थी। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। उसने यह भी कहा कि ड्रग एडिक्ट होने के कारण यश ने भोपाल में रहकर दो बार खुदकुशी की कोशिश की थी। हालांकि, आरोपियों के इस दावे को यश के पिता प्रह्लाद पाठे ने झूठा करार दिया है। उनका कहना है यदि यश ड्रग एडिक्ट था तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने क्यों नहीं आई? वहीं टीआई राजेश साहू के मुताबिक, श्रुति ड्रग्स की आदी है।

ड्रग के लिए पैसे लाने का बनाती थी दबाव

श्रुति के एक इशारे पर किसी भी छात्र के साथ मारपीट कर दी जाती है। श्रुति के पास ऐसे कई छात्र हैं, जो ड्रग एडिक्ट हो चुके हैं। वह कई बार उन्हें ड्रग्स भी देती थी। वह यश पर पैसे लाने का भी दबाव बनाती थी। वह अन्य छात्रों से भी दोस्ती कर उन पर पैसे लाने का दबाव बनाती थी। श्रुति से जुड़े सभी छात्र उसे दीदी कहकर बुलाते थे। श्रुति के एक इशारे पर किसी भी छात्र के साथ मारपीट किये जाने का टीआई ने दावा किया है। नशे में श्रुति का सड़क पर हाथ में पटाखा छोड़कर लोगों को डराने और दादागिरी करने का भी वीडियो भी वायरल हो रहा है।

फर्जी नियुक्ति मामले में जेल गए थे सत्यनारायण शर्मा

लेडी डॉन बनने की चाहत रखनेवाली श्रुति के पिता सत्यनारायण शर्मा विधानसभा के पूर्व सचिव हैं जो फर्जी नियुक्ति मामले में जेल भी गए थे। आरोप है कि दिग्विजय सिंह शासनकाल में उन्होंने फर्जी नियुक्ति हासिल की। इनके साथ अवर सचिव कमलकांत शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया था।

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