पहले मान मनौवल, रास्ते से हटने की गुहार फिर बाबू, भैय्या कहकर हटने की अपील और अंत में पिटाई। ये तस्वीरें डाकबंगला चौराहे की हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने डाकबंगला को जाम कर दिया। इससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई, आक्रोशित अभ्यर्थियों को जब पुलिस ने हटाने की कोशिश की तो उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। चौराहे से गुजरने वाले वाहनों के साथ तोड़-फोड़ की फिर क्या था बाबू, भैय्या का असर न होता देखकर बिहार पुलिस अपने रंग में आ गई और जमकर पीटा। दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से खूब खबर ली। अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस बल के जवानों ने जमकर लाठियां भांजी। वहीं इससे अभ्यर्थी और उग्र हो गए और विरोध में पुलिस पर पत्थरबाजी की।

इन पुलिस अभ्यर्थियों ने पुलिस बहाली की अंतिम मेधा सूची में हुई गड़बड़ियों की जांच की मांग को लेकर डाक बंगला चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कोई भागा तो कोई दुकान में घुसा लेकिन अपराधियों को पकड़ने में पीछे रहने वाली बिहार पुलिस ने लगभग एक घंटे के हंगामे के बाद ताबड़तोड़ लाठियां चलाकर डाकबंगला चौराहे पर यातायात व्यवस्था सामान्य की। वहीं छात्र नीतीश सरकार के विरोध में नारेबाजी करते रहे। धरना-प्रदर्शन से सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रही।

पुलिस अभ्यर्थियों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि 2017-18 की पुलिस बहाली में बड़ी धांधली हुई है। पुलिस अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा और फिजिकल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंत समय में मेरिट लिस्ट में छंटनी कर दी गई। उनका आरोप है कि 9900 पद के लिए बहाली हुई। जिसमें 7 हजार लड़कियों की बहाली और महज 2900 लड़कों की बहाली की गई है।

अभ्यर्थियों के मुताबिक, लड़कियों की 35 फीसदी ही आरक्षित पद थे, जबकि 80 फीसदी बहाली कर दी गई है। आंदोलनकारियों ने सरकार से मेरिट लिस्ट की उच्चस्तरीय जांच के साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। खैर आगे जो हो लेकिन, इन पुलिस अभ्यर्थियों को बहाली के पहले ही पुलिसिया जुल्म के दर्शन जरुर हो गए।

—एपीएन ब्यूरो

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