सरकार ही नहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने भी फर्जी जाति प्रमाण प्रमाण पत्र पर कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया है कि अगर किसी की भी नौकरी या डिग्री फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मिलती है तो उसकी नौकरी या डिग्री छिनी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि भले ही किसी की नौकरी को बीसों साल हो गए हों किंतु अगर उसने गलत जाति प्रमाण पत्र दाखिल करके नौकरी हथियाई है तो उसकी नौकरी छीन ली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उनके गले के लिए फांस बन गई है जिन्होंने फर्जीवाड़ा करके डिग्री या नौकरी पाई है क्योंकि यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय के तरफ से आया है जिसे अब कहीं भी किसी भी तरह से चैलेंज भी नहीं किया जा सकता।
इससे पहले केंद्र सरकार के तरफ से भी इस बात को कहा गया था कि फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी पाने वाले लोगों का प्रमाण पत्र रद्द किया जाए और उन्हें नौकरी से निकाला जाए। केंद्र ने सरकारी विभाग को जांच का आदेश भी दे दिया था। बता दें कि लोकसभा में इस बात को उठाया जा चुका है कि हजारों ऐसे मामले हैं जिससे फर्जीवाड़ा कर लोगों ने नौकरियां पाई हैं। साथ ही हजारों ऐसे मामले भी हैं जो कानूनी प्रकिया के लिए लंबित हैं।
इस आदेश के बाद जहां कई लोगों की नौकरी जा सकती है,वहीं कई लोगों को नई नौकरी मिलने के भी आसार हैं। फर्जीवाड़ा करके नौकरी पाने वाले लोग सिर्फ अपनी नौकरी ही नहीं गवाएंगे बल्कि वो कानूनी प्रक्रिया द्वारा दण्डित भी किए जाएंगे।