बिहार के सृजन घोटाले में एक आरोपी के संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। सृजन घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार नाजिर महेश मंडल की इलाज के दौरान रविवार की रात अस्‍पताल में मौत हो गई। अस्‍पताल ने इसे बीमारी से स्‍वभाविक मौत बताया है। हालांकि मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर ठीक से इलाज न करने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि नाजिर महेश मंडल की हत्‍या करा दी गई, क्‍योंकि वह घोटाले में कई बड़े और नामी लोगों की कारगुजारी उजागर कर सकता था।

गौरतलब है कि जिला कल्याण विभाग के निलंबित अधिकारी नाजिर महेश मंडल को पुलिस ने पिछले रविवार को 9 अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था। महेश मंडल की किडनी खराब थी, इसलिए उसे हर तीन दिन में डायलीसिस करवाना पड़ता था। इसके अलावा उसे कैंसर भी था। पुलिस के देख-रेख में उसका इलाज भागलपुर के मायागंज अस्पताल में चल रहा था, जहां पर रविवार देर रात उसकी मौत हो गई।

महेश के परिजनों का कहना है कि महेश अगर जिंदा होते तो घोटाले से संबंधित कई राज खोल सकते थे। इसलिए उनका इलाज ठीक ढंग से नहीं किया गया और उनकी मौत हो गई।

अस्पताल में मौजूद महेश के दामाद ने बताया कि उनका डायलिसिस होना था और कोर्ट से भी इसकी इजाजत मिल गई थी। लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि उनकी मौत हो जाये, ताकि घोटाले में फंसने से वे बच जाएं।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्‍वी यादव ने भी ट्वीट कर महेश मंडल की मौत पर सवाल उठाए हैं। तेजस्‍वी ने तो इसे व्‍यापम घोटाले से भी व्‍यापक घोटाला बताया।

लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर लिखा कि सृजन महाघोटाले में पहली मौत हो चुकी है। वह भागलपुर में नीतीश की पार्टी के एक बहुत अमीर नेता का पिता था। अगले ट्वीट में लालू ने सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए लिखा कि  ”नीतीश कुमार तो कुछ जानता ही नहीं। 13 साल से मुख्यमंत्री है और 1000 करोड़ सरकारी खजाने का रुपया एनजीओ में चला गया। वाह।”

वहीं तेजस्‍वी यादव ने अपने ट्वीट में सृजन घोटाला को मध्‍य प्रदेश के व्‍यापम घोटाला से भी व्‍यापक करार दिया। उन्होंने लिखा कि सृजन घोटाले में गिरफ्तार जदयू नेता के पिता व आरोपी नाज़िर महेश मंडल की देर रात जेल में विषम परिस्थितियों में मौत हो गई।

आपको बता दें कि महेश का बेटा शिव मंडल भागलपुर जिले के जनता दल यूनाइटेड यूथ विग का अध्यक्ष था। हालांकि घोटाले की खबर आने के बाद उसे भी पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था। शिव जिला पंचायत सदस्य भी है।

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