कांग्रेस ने कहा है कि राफेल लड़ाकू विमानों के निर्माण में हिन्दुस्तान एरोनेटिक लिमिटेड (एचएएल) की क्षमता को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो दावे किए थे, एचएएल के पूर्व प्रमुख टी एस राजू ने उसकी पोल खोल दी है और अब साफ हो गया कि रक्षा मंत्री ने देश को गुमराह किया है इसलिए उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने गुरुवार को यहां विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एचएएल के प्रमुख पद से महज तीन सप्ताह पहले सेवानिवृत्त हुए श्री राजू ने जिस तरह से रक्षा मंत्री के दावों की हवा निकाली है उससे स्पष्ट है कि श्रीमती सीतारमण देश को गुमराह करती रहीं लेकिन उनकी असलियत सामने आ गयी है और अब उन्हें पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि एचएएल के पूर्व प्रमुख ने एक अखबार से बातचीत में खुलासा किया कि राफेल सौदे में इन विमानों को बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट तथा एचएएल के बीच समझौता हो चुका था। श्री तिवारी ने कहा कि इसके ठीक विपरीत रक्षा मंत्री ने कल ही दावा किया कि एचएएल तथा दसॉल्ट के बीच सौदे को लेकर सहमति नहीं बन पायी इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी को राफेल का काम नहीं मिल पाया।

प्रवक्ता ने कहा कि श्री राजू ने यह भी दावा किया है कि वह पांच साल तक एचएचल तकनीकी टीम के प्रमुख रहे हैं और वह बखूबी जानते हैं कि एचएएल राफेल विमानों के निर्माण में पूरी तरह सक्षम है। उनका यह भी कहना है कि  एचएएल सुखोई और मिग जैसे कई विमानों का निर्माण कर अपनी क्षमता का परिचय दिया है और वह राफेल के निर्माण में भी पूरी तरह से सक्षम है।

उन्होंने कहा कि यदि इन विमानों का निर्माण देश में होता तो भारत सामरिक दृष्टि से आत्मनिर्भर हो जाता लेकिन रक्षा मंत्री ने एचएएल को लेकर जो दावे किए थे उनकी असलियत सामने आ गयी है और उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

—साभार, ईएनसी टाइम्स

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