चीन को लगा गहरा सदमा, दलाई लामा ने 8 साल के बच्चे को बनाया तिब्बतियों का तीसरा सबसे बड़ा नेता

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Dalai Lama in Mangolia
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Dalai Lama in Mangolia: तिब्बत के शासक और बौद्ध धर्म के प्रमुख दलाई लामा जिन्होंने चीन पर कब्जे के बाद भारत में शरण ली है। उन्होंने तिब्बत धर्म के तीसरे सबसे बड़े लामा और मंगोलिया स्थित प्रभावशाली गेलुग्पा स्कूल के प्रमुख बनाने की घोषणा कर दी है। इस खबर से चीन सख्ते में आ गया है।

जानकारी के अनुसार दलाई लामा ने 8 वर्ष के लड़के को गेलुग्पा स्कूल का प्रमुख बनाने की घोषणा की है। इसका जन्म 2015 में अमेरिका में हुआ था। इस लड़के का संबंध मंगोलिया के किसी अमीर बिजनेसमेन तथा राजनीतिक परिवार से है।

Dalai Lama in Mangolia
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लामा प्रमुख की घोषणा की खबर चीन के लिए झटके से कम नहीं है। इसका कारण है कि चीन की कम्युनिष्ट पार्टी ने दलाई लामा को बौद्ध धर्म का नेता मानने से इंकार करती है। जिसके कारण दोनों में बौद्ध धर्म के प्रमुख को लेकर तनावपूर्ण माहौल बना रहता है।

जानकारी के अनुसार चीन की सरकार ने नकली दलाई लामा के जन्म की घोषणा पहले से की है। लेकिन तिब्ब्ती बौद्ध धर्म के अनुयायी इस बात को मानने से इंकार करते हैं। दलाई लामा ने बीजिंग को गुगली देने में कामयाबी हासिल की और तिब्बती बौद्ध धर्म के तीसरे सबसे वरिष्ठ लामा या आध्यात्मिक नेता और भूमि-बंद राष्ट्र में गेलुग्पा स्कूल के प्रमुख के पुनर्जन्म की घोषणा करके शी जिनपिंग शासन को तगड़ा झटका दिया है।

Dalai Lama in Mangolia: दलाई लामा को मिल चुका है नोबल पुरस्कार

दलाई लामा को अपने मूल देश तिब्बत की ओर से शांतिपूर्ण सक्रियता के लिए 10 दिसंबर 1989 को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। उनका जन्म 1935 था और उनकी पहचान पिछले दलाई लामा के पुनर्जन्म के रूप में हुई जब वह केवल दो साल के थे। वह 1959 की शुरुआत में चीनी शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद तिब्बत से भारत भाग आए थेऔर तब से उसने अपनी दूरस्थ और पहाड़ी मातृभूमि में भाषाई और सांस्कृतिक स्वायत्तता के लिए वैश्विक समर्थन प्राप्त करने के लिए काम किया है।

Dalai Lama in Mangolia
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चीनी गृहयुद्ध के दौरान जब कम्युनिस्ट पार्टी की जीत होने के बाद 1959 में चीनी सेना ने तिब्बत पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। कई सालों के संघर्ष के बाद तिब्बत के लोगों ने चीनी सेना के खिलाफ विद्रोह किया जिसमें चीन की सेना का दबदबा रहा। इस घटना के कारण तिब्बत के शासक और बौद्ध धर्म के प्रमुख दलाई लामा को देश छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने भारत में शरण ली। बौद्ध बहुल देश में अभी भी लोग दलाई लामा को अपना नेता मानते हैं और आजाद होने का सपना देख रहे हैं। दलाई लामा के इस कदम के बाद अब चीन काफी परेशान है।

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