केंद्रीय अन्वेषण जांच ब्यूरो (सीबीआई) में जारी विवाद के जरिए विपक्षी दल कांग्रेस को केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। कांग्रेस किसी भी तरह इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। सीबीआई विवाद को राफेल सौदे से जोड़कर कांग्रेस लगातार केंद्र पर हमला कर रही है। इसी बीच, कांग्रेस आज देशभर में सीबीआई दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रही है।

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी समर्थकों के साथ दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय परधरने में शामिल होने पहुंचे। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने दयाल सिंह कॉलेज से सीबीआई मुख्यालय तक मार्च निकाला। जिसे देखते हुए सीबीआई मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ाई गई।

वहीं, कांग्रेस के इस प्रदर्शन को टीएमसी का साथ भी मिल गया है। टीएमसी ने इस प्रदर्शन में कांग्रेस का साथ देने का ऐलान किया है। इन प्रदर्शनों को देखते हुए सीबीआई दफ्तरों के बाहर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है।

गौरतलब है कि देश की अहम जांच एजेंसी सीबीआई में घमासान छिड़ा हुआ है। एजेंसी के दो बड़े अफसर, डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों ने ये एक-दूसरे पर ये आरोप एक ही मामले में लगाए हैं। सीबीआई ने स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए अस्थाना ने दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली है।

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वहीं, मामला बढ़ता देख पीएम मोदी ने दोनों अफसरों को तलब किया लेकिन बताया जाता है कि कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद सरकार का कहना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने के लिए उसने दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया है।

डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और आरोप लगाया है कि सरकार कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की जांच से घबरा गई है, जबकि जरूरी नहीं कि जांच की दिशा वो हो जो सरकार चाहे। विपक्ष भी सीबीआई डायरेक्टर पर हुए इस एक्शन का राफेल कनेक्शन जोड़ने में जुटा है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ने वर्मा को इसीलिए हटाया क्योंकि वे राफेल सौदे की जांच शुरू करने वाले थे।

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वहीं सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा से अधिकार वापिस लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) इस मामले की जांच दो हफ्तों के भीतर पूरी करे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक के सुपरविजन में सीवीसी अपनी जांच करेगी।अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

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