विपक्ष इस बार को बखूबी जान गया है कि अगर बीजेपी के रथ को रोकना है तो मिलकर ताकर लगाना होगा। हाल के उपचुनावों में भी उन्होंने इस एकता का इस्तेमाल करते हुए बीजेपी के रथ को रोकने का काम भी किया है। अब खबर ये भी है कि साल के अंत में होने वाले तीनों राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान) के चुनाव में बसपा और कांग्रेस दोनों मिलकर भाजपा का मुकाबला करेंगी। बता दें कि तीनों राज्यों में कांग्रेस बीएसपी को कुछ सीटें देने को सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने गठबंधन को अंतिम शक्ल देने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश में कमलनाथ, राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में पीएल पुनिया को दी है।

मप्र, राजस्थान और छत्तीस गढ़ में भाजपा सरकार है। इसमें मप्र और छत्तीस गढ़ में 15 साल से भाजपा सत्ता पर काबिज है। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने एक न्यूज वेबसाइट को ये खबर दी है कि तीनों राज्यों में बसपा औऱ कांग्रेस मिलकर लड़ेंगी। मध्य प्रदेश की बात करें तो पिछले 20 सालों से बसपा ने मध्य प्रदेश में सात प्रतिशत के करीब वोट शेयर बरकरार रखा है। अगर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर 37 प्रतिशत को इसमें जोड़ दिया जाए तो यह गठबंधन भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।

खबरों के मुताबिक, मप्र में कांग्रेस सिर्फ बीएसपी से ही नहीं बल्कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से भी गठबंधन करेगी। इस पार्टी का मप्र के आदिवासी हिस्सों में अच्छी खासी पैठ है। सभी जानते हैं कि कांग्रेस मध्य प्रदेश सहित तीनों राज्यों में अपनी सबसे बड़ी लड़ाई लड़ेगी। अगर इन चुनावों में उसे हार मिली तो उसका फिर सत्ता में लौटना फिलहाल संभव नहीं होगा।

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