उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आम पार्टी का आयोजन किया। इसमें आम से लेकर खास लोगों को न्योता दिया गया। सियासत से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों के लोग इस पार्टी में पहुंचे। लेकिन सबसे चौकाने वाली एंट्री मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की रही। पार्टी के समापन से ही देर पहले पहुंचे सीएम रावत पूरी महफिल लूट ले गए। सीएम ने जहां इस आयोजन का स्वागत किया वहीं, उनकी पार्टी इस आयोजन के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निशाना साधना नहीं भूली।

इस आम पार्टी में जो तस्वीरें देखने को मिली, आम तौर पर सियासत में उस तरह की तस्वीरें बहुत कम देखने को मिलती हैं। एक दूसरे पर शब्दों के तीर छोड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत न सिर्फ अगल-बगल बैठे बल्कि हंस-हंस के एक दूसरे से बात भी की। दोनों की बातचीत काफी दोस्ताना माहौल में हुई। दोनों को देखकर लगा ही नहीं कि ये दोनों दूसरे दलों के नेता हैं और एक दूसरे पर जुबानी तीर छोड़ने में पीछे नहीं रहते। दिन रात एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों के बाण छोड़ने वाले नेताओं ने इस पार्टी में जमकर फलों के स्वाद का लुत्फ उठाया। यहां न कोई सियासत की बातें हुई न ही शब्दों के तीर ही चले।

पूर्व सीएम से लेकर मौजूदा सीएम तक ने फलों के राजा आम का जमकर स्वाद चखा। इस आम पार्टी में दूसरे फलों को भी रखा गया था। पार्टी में जमा हुए आम से लेकर खास मेहमानों ने फलों के राजा आम के साथ ही दूसरे मौसमी फलों का भी रसा स्वादन किया। सियासत में एक दूसरे के आयोजनों के लिए लानत मलामत करने वाले नेताओं के बोल यहां बदले बदले नजर आए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की इस आयोजन की न सिर्फ जमकर सराहना की बल्कि ऐसे आयोजनों को पहाड़ी फलों के प्रचार प्रसार के लिए लाभदायक भी बताया।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस आम पार्टी के लिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। बहुत सारे नेताओं ने पार्टी की रौनक बढ़ाई। लेकिन कुछ नेता ऐसे भी थे जो पार्टी में नहीं पहुंच पाए। हरीश रावत ने इस बारे में कुछ शायराना अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कुछ मजबूरी रही होगी जो नेता पार्टी में नहीं आए। वरना यूं ही कोई क्यों नहीं आना चाहेगा। उन्होंने पार्टी में आने के लिए सीएम समेत तमाम मेहमानों का आभार भी जताया।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तो हरीश रावत की पार्टी की सराहना की। उसे राज्य के उत्पादों के लिए बेहतर बताया। लेकिन उनकी पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री के इस आयोजन पर निशाना साधा। आम के बहाने सूबे की सियासी हालत के लिए पूर्व मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया। प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता का कहना था कि हरीश रावत ने पहले राज्य को चूसा और अब आम चूस रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की इस पार्टी में पक्ष और विपक्ष सभी दलों के नेता पहुंचे। हर मुद्दे पर एक दूसरे को कोसने और आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले नेता यहां सियासत से दूर नजर आए। एक स्वस्थ्य लोकतंत्र की पहचान भी यही है। पर हरीश रावत की अपनी पार्टी के नेताओं ने ही इस पार्टी का रंग कुछ फीका कर दिया। क्योंकि इस पार्टी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और उनके गुट के कुछ जाने माने चेहरे नजर नहीं आए।

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