प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार को लेकर पकौड़ा बेचने का उदाहरण क्या दिया, इस पर राजनीति शुरु हो गई लेकिन बाकारो की सावित्री देवी ने पीएम मोदी की बातों पर अमल करते हुए बाजार में ठेला लगाकर पकौड़ा बेचना शुरू कर दिया। मोदी के मंत्र से आज सावित्री अपने परिवार को चलाती हैं। दो साल पहले घर की आर्थिक हालत खराब हुई तो सावित्री देवी ने कुछ करने की ठानी और फिर उसे सखी मंडल के बारे में पता चला।  झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की सखी मंडल से लोन लेकर बाजार में ठेले पर पकौड़ा बेचने का काम शुरु किया।

दो साल में सावित्री देवी के परिवार की आर्थिक हालत सुधरी है, सावित्री के पकौड़ा कारोबार की कहानी अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुनाएंगे।  सावित्री देवी प्रधानमंत्री मोदी से बात करने को लेकर बेहद उत्साहित है। सावित्री ने मुश्किल दौर में जिस तरह से पकौड़े की दुकान लगा कर अपने परिवार को संभाला वो बेशक कुछ लोगों के लिए मिसाल हो सकती है। सावित्री के पति भी मानते हैं कि उनके इस कदम से घर की हालत पहले से सुधरी है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार सरकारी योजनाओं का लाभ पानेवालों से सीधी बात कर योजनाओं का फीड बैक ले रहे हैं।

सोमवार को सखी मंडल की जिन महिलाओं से बात करेंगे, सावित्री देवी उनमें से एक हैं।  सावित्री के गांववाले भी इस बात को लेकर खुश है कि उनके गांव की कोई महिला सीधे प्रधानमंत्री से बात करेंगी। बेशक पकौड़ा बेचने को रोजगार से जोड़े जाने पर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधता रहा हो लेकिन सावित्री देवी की कहानी कहीं ना कहीं मोदी के दावे को थोड़ा दम जरुर प्रदान करेगी।

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