भारत में ट्रेनों की देरी से चलने पर यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आजकल भारत में ट्रेनों की देरी से चलने की शिकायतें काफी बढ़ गई है। खासतौर पर उत्तर भारत में इस समस्या से लोग खासा परेशान हैं। इसी के मद्देनजर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने संबंधित अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा है कि वे समय की पाबंदी में सुधार लाए या कार्यवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। रेल मंत्रालय द्वारा जोनल प्रमुखों से कहा गया है कि रात में 10 बजे से सुबह 7 बजे के बीच एक वरिष्ठ अधिकारी की तत्काल तैनाती की जाए। नए अधिकारी स्थिति की निगरानी करेंगे और ट्रेनों के परिचालन में अगर कोई समस्या है तो उसे दूर करें और ट्रेनों की लेटलतीफी रोकें।
इसके अलावा रेल मंत्री ने कहा कि उन चीजों पर भी ध्यान दें जिसकी वजह से भारतीय रेल की आधिकारिक वेबसाइट नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) पर उपलब्ध आंकड़ों और ट्रेनों के चलने के वास्तविक समय में अंतर नजर आता है। इस अंतर से यात्रियों को गलत सूचना मिलती है और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वेटिंग टिकट वालो को भी मिलेगी सीट
इसके अलावा रेल मंत्री ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान ट्रेनों में होने वाली भारी भीड़ को भी कम करने का इंतजाम किया है। इस चिलचिलाती गर्मी के मौसम में सुविधाजनक यात्रा देने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने नई पहल की है। जिससे यात्रियों का टिकट वेटिंग में रहने के बाद उन्हें किसी दूसरे ट्रेन में विकल्प के तौर पर टिकट उपलब्ध कराया जायेगा। प्रभु की यह योजना रेल के नियमों में कई शुभ विकल्प जोड़ेगी, इसलिए इस योजना का नाम भी ‘विकल्प’ रखा गया है। अंग्रेजी में इस योजना को ऑल्टरनेटिव ट्रेन ऑकोमोडेशन सिस्टम (ATAS) की संज्ञा दी गई है। इसके नाम के मुताबिक ही इस योजना का काम होगा। योजना के तहत एक ही रूट पर यात्रा करने पर वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को 12 घंटों के दरमियान बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के दूसरी ट्रेन में बर्थ मुहैया कराने का उद्देश्य है।
जानिए विकल्प स्कीम की खास बातें:
- जिन यात्रियों का टिकट वेटिंग लिस्ट में रह जाएगा, उनसे बिना एक्स्ट्रा चार्ज लिए दूसरी ट्रेन में विकल्प योजना के तहत सीट उपलब्ध कराई जाएगी. यह सुविधा उन यात्रियों के लिए भी लागू होगी जिन्होंने अपना ई-टिकट 1 अप्रैल 2017 से पहले बुक कराया है।
- इस स्कीम की शर्त यह है कि अगर यात्री को विकल्प के तौर पर दी गई ट्रेन में सफर नहीं करना है तो टिकट कैंसिल भी कराया जा सकेगा, लेकिन यह कन्फर्म टिकट को कैंसिल करना ही माना जाएगा। रिफंड नियमों के मुताबिक, पूरी तरह से कन्फर्म टिकट को कैंसिल करने पर कैंसिलेशन फीस के तौर पर बड़ा चार्ज काटा जाता है। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह संभावना कम ही होगी कि यात्री को टिकट कैंसिल करना पड़े क्योंकि बुकिंग के समय पर ही यह बता दिया जाएगा कि विकल्प के तौर पर कौन सी ट्रेन होगी।
- अब तक इसकी शुरुआत सिर्फ 6 रूट पर दिल्ली से लखनऊ, दिल्ली से जम्मू, दिल्ली से चेन्नई, दिल्ली से हावड़ा पर हुई है।
गौरतलब है कि केंद्रीय रेल मंत्री के प्रदर्शन में गिरावट आई थी जिसके लिए पीएम मोदी ने उन्हें हिदायत भी दी थी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पीएम की बातों पर संज्ञान लेते हुए कुछ ठोस कदम उठाए और उसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है। मंत्रालय की तरफ से उठाए गए कदमों के कारण रेलवे की ग्रोथ अब पटरी पर लौटती दिखाई दे रही है।