भ्रष्टाचार देश की सबसे गंभीर समस्या बनता जा रहा है। देश में मौजूदा हर समस्या का सीधे तौर पर संबंध भ्रष्टाचार से ही है। ये भ्रष्टाचार ही है जिसकी वजह से आज देश में गरीबी बढ़ती जा रही है और ये देश की आर्थिक जड़ों को कमजोर करता जा रहा है। अफसर अपना काम ईमानदारी से नहीं करते हैं जिसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ता है। लेकिन अब अफसरशाही में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही है। सरकार ने निर्णय लिया है कि भ्रष्टाचार के मामले में दोषी या आरोपी अधिकारियों को पासपोर्ट जारी नहीं किया जाएगा या रोक दिया जाएगा।

सहयोगी चैनल की खबर के मुताबिक, यदि किसी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कोई जांच चल रही है और वह उसमें दोषी पाया गया है, या उसके खिलाफ इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज की गई है, तो उसे पासपोर्ट नहीं दिया जाएगा। सरकार ने पासपोर्ट जारी करने के लिए नई गाइडलाइन जारी करते हुए आदेश दिया है कि ऐसे अधिकारियों को पासपोर्ट जारी करने के लिए सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी। बहरहाल, संबंधित प्राधिकरण उस मामले में फैसले ले सकते हैं जिसमें ऐसे अधिकारियों को मेडिकल इमरजेंसी जैसी आपात स्थितियों के कारण विदेश जाने की जरुरत हो।

साथ ही इस दिशा निर्देश में कहा गया है कि भ्रष्टाचार या आपराधिक मामलों में शामिल अधिकारी के प्राथमिकी के संबंध में पासपोर्ट कार्यालय के पास जानकारी होना आवश्यक है। अधिकारी के पासपोर्ट को मंजूरी दी जाएगी या नहीं, इसका अंतिम फैसला पासपोर्ट जारी करने वाला प्राधिकरण लेगा।

बता दें कि सिविल सेवा अधिकारियों को भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए सतर्कता विभाग से मंजूरी की जरूरत होती है। निर्देश में साफ-साफ कहा गया है कि अगर किसी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित है तो उसे पासपोर्ट जारी नहीं किया जाएगा।

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