आपका बच्चा नीट परीक्षा भले क्वालीफाई कर ले…आप खुशियों में मिठाईयां बांटते रहे…लेकिन जरा ठहरिये उसके पहले अपने बच्चे की एमबीबीएस फीस का जुगाड़ कर लीजिये…कहीं ऐसा न हो कि, आपका बच्चा डॉक्टर बन इलाज करने की बजाय पैसों की कमी से डॉक्टरी की पढ़ाई से वंचित होकर खुद ही अवसाद का शिकार हो जाए…ऐसा हो चुका है उत्तराखंड में…जहां बीजेपी की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने सूबे के निजी मेडिकल कॉलेजों को फीस तय करने की खुली छूट दे दी है…इससे निजी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की बांछें ही खिल गई हैं…कॉलेज प्रबंधन ने सरकार की शह पर अभिभावकों की गर्दन हलाल करने के लिए बिना धार के उस्तरे निकाल लिए हैं…पहले मेडिकल कोर्स की फीस 7 से 8 लाख रूपए सालाना थी…जिसे त्रिवेंद्र सरकार के फैसले के बाद निजी मेडिकल कॉलेजों ने बढ़ाकर 19 से 24 लाख रुपए तक कर दिया है…इससे मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्र-छात्राओँ पर कहर टूट गया है…उनका डॉक्टर बनने का ख्वाब टूट सा गया है…वहीं डॉक्टरी की तालीम ले रहे छात्र-छात्राओँ का कहना है कि, अगर सरकार निजी कॉलेजों को फीस बढ़ाने की छूट दे सकती है तो मिडिल क्लास फेमिली की आमदनी भी बढाए जिससे सभी के सपने जिंदा रह सकें…देहरादून में एसजीआरआर कॉलेज के छात्र-छात्राएं कॉलेज के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं…एमबीबीएस कर रहे छात्र-छात्राओं का आरोप है कि निजी कॉलेज प्रबंधन फीस वसूली के नाम पर मनमर्जी कर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं…

त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने हालिया बजट सत्र में उत्तराखंड अनुदानित निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं के हित में प्रवेश और शुल्क निर्धारण विनियम संशोधन विधेयक-2018 पारित किया है…इस संशोधित विधेयक में निजी मेडिकल कॉलेजों को फीस निर्धारण का अधिकार दिया गया है…नतीजा निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस में लगभग तीन गुना का इजाफा कर दिया है…इसके विरोध में अभिभावक और छात्र सड़कों पर हैं…वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फीस बढोत्तरी को सही ठहराया है…उनका कहना है की जब निजी मेडिकल कॉलेज तैयार होता है तो उसमें करोड़ों खर्च होते हैं…निजी निवेशकों को सरकार कोई अनुदान नहीं देती है…ऐसे में दखल देकर उनकी सरकार उन्हें हतोत्साहित नहीं कर सकती…

कांग्रेस ने निजी मेडिकल कॉलेजों को फीस बढ़ाने की छूट देने के त्रिवेंद्र सरकार के फैसले को भ्रष्टाचार करार दिया है…

मतलब साफ है कि, जिनके पास पैसा है वही निजी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ सकते हैं…फीस वृद्धि पर त्रिवेंद्र सरकार की छूट और कॉलेज प्रबंधन के रवैये के खिलाफ छात्र- छात्राओं ने मोर्चा खोल लिया है…ऐसे में उन बच्चों के सपनों पर पानी फिरना तय है, जिनके अभिभावक मनमानी फीस अदा नहीं कर पाएंगे…

 -एपीएन ब्यूरो

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