सीबीएसई स्कूली बच्चों के पीठ से बोझ कम करने का प्रयास कर रहा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को दिशानिर्देश जारी किया है। इस निर्देश में बोर्ड ने कहा है कि किताबें और वर्कबुक्स नहीं लाने के लिए शिक्षकों द्वारा छात्रों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए। सीबीएसई द्वारा जारी इन दिशानिर्देशों में बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों को भी नए तरीकों का सुझाव दिया गया है। सीबीएसई ने इन सुझावों की एक सूची बच्चों के माता-पिता के लिए जारी की है। अभिभावकों के लिए जारी इन सुझावों का मक्सद यह सुनिश्चित करना है कि बच्चा जो बैग लेकर स्कूल जा रहा है वह उस बैग का वजन उठाने योग्य है या नहीं।

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बोर्ड ने कहा है कि पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों के लिए होमवर्क करके लाना, या स्कूल बैग को रोज़ाना स्कूल ले जाना जरूरी नहीं होना चाहिए। सीबीएसई बोर्ड ने कहा कि बच्चों को भारी बैग लाने की जरूरत ना पड़े इसके लिए सूचना तकनीक पर आधारित पढ़ाई के वैकल्पिक तरीके सुझाए गए हैं। स्कूलों को इन सूझावों पर ध्यान देकर इन्हें उपयोग में लाना चाहिए। बच्चों का बैग ज्यादा भारी ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने बैगों की जांच का भी सुझाव स्कूली टीचर्स को दिया है।

इसके अलावा सीबीएसई के एकडेमिक्स एंड ट्रेनिंग, डायरेक्टर के.के.चौधरी द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया कि छात्रों के लिए स्कूलों में सुरक्षित और साफ पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे बच्चों को पानी की भारी बोतलें घर से लाने की जरूरत न पड़े। बोर्ड ने कहा कि शिक्षकों और बच्चों के लिए एक ही पानी उपलब्ध होना चाहिए जिसकी निरंतर जांच भी होनी चाहिए । बोर्ड द्वारा जारी किए गए इन दिशानिर्देशों में उल्लेख किया गया कि बच्चों के निरंतर भारी बैग उठाने से उनकी सेहत पर फर्क पड़ सकता है।

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