हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ सीबीआई द्वारा असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी (एजेएल) को जमीन देने के मामले में जांच चल रही है। इस मामले में चल रही जांच की आंच अब गांधी परिवार तक जा पहुंची है। जानकारी के अनुसार सीबीआई उन सभी कंपनियों से बात कर सकती है जिनमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
सीबीआई द्वारा हुड्डा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि वर्ष 1982 में AJL को पंचकुला में जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन वर्ष 1992 तक उस पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया। जिसके बाद प्राधिकरण ने इस भूखंड को फिर से अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद वर्ष 2005 में AJL को फिर से जमीन आवंटित कराई गई लेकिन प्राधिकरण के तत्कालीन अध्यक्ष ने इस आवंटन में कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन किया। उस वक्त प्रधिकरण के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा थे। हालांकि हुड्डा ने इन सभी आरोपो को गलत बताया है। उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक बदला लेने के मकसद से मुझे फंसाने की साजिश है। सीबीआई ने कहा है कि अभी आगे की जांच के बाद आरोपियों के नाम हटाए या जोड़े जा सकते हैं।
गौरतलब है कि नेशलन हेराल्ड केस काफी समय से गांधी परिवार के लिए मुश्किलों का सबब बना हुआ है। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी इस मामले को लेकर अदालत गए थे। सोनिया और राहुल गांधी पर आरोप था कि वे नेशलन हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कोर्ट में हाजिर भी होना पड़ा था। हालांकि फिलहाल दोनों को जमानत मिली हुई है लेकिन अगर सीबीआई द्वारा उनसे फिर से पूछताछ की जाती है तो संभवत: माँ-बेटे को एक बार फिर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।