सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच के विवाद को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र के फैसले पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

उन्होंने कहा कि सीवीसी के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति नहीं है उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से अवैध, मनमाने, दंडित करने वाले और बिना अधिकारक्षेत्र के की गई है।Wednesday's day is historic For the country and Supreme Court gave judgement in three most imp cases

खड़गे ने अपनी याचिका में कहा कि सीबीआई चीफ को चुने जाने वाली तीन सदस्यीय समिति में होने के नाते कोर्ट को किसी भी तरह का आदेश देने से पहले उन्हें सुना जाना चाहिए। सीबीआई को जो समिति चुनती है उसमें प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के साथ ही, विपक्ष का नेता भी शामिल होता है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल निश्चित और शर्तें पूरी तरह सुरक्षित हैं और यहां तक कि पिछली समिति की सहमति के उनका ट्रांसफर आदेश भी लागू नहीं किया जा सकता है।Bribery Allegation on CBI's Special Director Rakesh Asthana

खड़गे ने कहा कि भारत की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी की पवित्रता और मर्यादा की रक्षा करना यह देश और आम लोगों के हित में था। सीबीआई के आंतरिक विवादों के चलते डायरेक्टर आलोक वर्मा और उनके डिप्टी राकेश अस्थाना को 24 अक्टूबर को तड़के ढाई बजे सभी अधिकार वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया। उनकी जगह पर एम. नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया।

डायरेक्टर पद से हटाए जाने के कुछ ही घंटे बाद आलोक वर्मा ने सरकार के इस आदेश के खिलाफ चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा के खिलाफ दो हफ्ते में जांच पूरी करने का सीवीसी को आदेश दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने रिटायर्ड जज को इस मामले की निगरानी करने को कहा।Four people arrested for 'espionage' of Alok Verma's residence in CBI scandal

क्या है पूरा मामला

दरअसल, सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक (डायरेक्टर) राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उनपर एक कारोबारी सतीष बाबू सना से रिश्वत लेने का आरोप है। यह मामला मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़ा हुआ है।

वहीं, अस्थाना ने भी पलटवार करते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। बता दें कि सीबीआई के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दो शीर्ष अधिकारी ही एक-दूसरे के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप लगा रहे हैं।

इस मामले में एजेंसी ने सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। डीएसपी देवेंद्र कुमार को राकेश अस्थाना का चहेता अधिकारी माना जाता है। सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारकर 8 मोबाइल फोन और 1 आईपैड जब्त किया है। साथ ही मोइन कुरैशी मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

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