तीनों कृषि कानून को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा मचा हुआ है। अन्नदाता पिछले दो महीन से कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन पर बैठे हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष इस कानून को लेकर नुकसान और फायदा गिनाने में जुटी हैं। ट्विटर के जरिए किसान आंदोलन की आवाज अन्तर्राष्ट्रीय अस्तर पर भी पहुंच रही है। आंदोलन को लेकर भारत की आलोचना हो रही है। इसे लेकर तीन दिनों से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में बोल रहे हैं।

मोदी सरकार मंडिया खत्म कर देगी-बिट्टू

पीएम मोदी कानून का फायदा बता रह हैं वहीं विपक्ष पर जमकर हमलावर भी हैं। इन सब से इतर कांग्रेस नेता ने कृषि कानून को बदनाम करने के लिए सदन में झूठ कहा दिया जिसके बाद राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने नेता की क्लास लगा दी।

कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने सदन में कहा कि, ये तीनों कृषि कानून काले कानून हैं। बिट्टू ने कहा कि वे मंडियों को खत्म कर देंगे और इसके बजाय सरकार निजी मंडिया बनाएगी।

बयान को लिया वापस

वित्त राज्य मंत्री ठाकुर ने कांग्रेस सांसद बिट्टू के भाषण पर फौरन पलटवार करते हुए पूछा कि, यह कृषि कानूनों में कहां लिखा है कि मंडियों को समाप्त कर दिया जाएगा। हम समझना चाहते हैं कि यह किस खंड के तहत आप यह कह रहे हैं।

अनुराग ठाकुर के सवाल में बिट्टू इसकदर फंस गए कि, उन्हें सवाल को टालना पड़ा। बिट्टू ने सवाल को टाल दिया और और विकास दर के बारे में बात करना शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद ने अपने आरोप को विफल करते हुए यह भी कहा कि वह अपने बयान को वापस लेते हैं और संसद में झूठ नहीं बोलेंगे।

26 नवंबर से किसान कर रहे हैं आंदोलन

इसके साथ ही मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर तीखे हमले भी किए। केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कृषि बाजार समिति का दावा करके पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसानों को गुमराह कर रही है और कह रही है कि मंडियों को नए पारित कृषि कानूनों के लागू होने के बाद खत्म कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली के सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान 6 महीने का राशन-पानी लेकर 26 नवंबर से दिल्ली की दहलीज पर बैठे हैं। किसानों की मांग को लेकर सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है लेकिन हल शून्य है।

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