1 जुलाई 2019 के बाद हर कार निर्माता को सभी कारों में एयरबैग, स्पीड वॉर्निग सिस्टम, सीट बेल्ट वॉर्निग सिस्टम और रिवर्स पार्किंग सेंसर लगाना जरूरी होगा। खबरों के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय ने यह सिस्टम लागू करने की टाइमलाइन तय कर दी है। इस संबंध में अधिसूचना कुछ दिनों में जारी हो जाएगी।

बता दें कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मद्देनजर यह फैसला लिया है। अब 1 जुलाई, 2019 से निर्माताओं के लिए सभी कारों में एआइएस-145 मानक सुरक्षा फीचर देना अनिवार्य होगा। इस नए नियम के मुताबिक जुलाई 2019 से बनने वाली सभी कारों में एयरबैग्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर्स, तेज स्पीड पर अलर्ट करने वाला स्पीड वॉर्निंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। कारों की सुरक्षा के परीक्षण के लिए प्रस्तावित भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट प्रोग्राम के तहत ऐसे फीचर वाली सभी कारों को सुरक्षा की फाइव स्टार रेटिंग प्रदान की जाएगी।

वहीं परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नई कारों में ऐसा सिस्टम फिट किया जाएगा जो कार की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर ऑडियो अलर्ट देगा। स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर अलर्ट की आवाज तेज हो जाएगी, वहीं 120 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड होने पर यह लगातार बजता रहेगा। इसके अलावा सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम को ओवरराइड करने का विकल्प भी होगा। इससे इलेक्ट्रिक पावर फेलियर की स्थिति में चालक और सवारी कार से बाहर आ सकेंगे। गौरतलब है कि कई बार सेंट्रल लॉकिंग के चलते लोग कार में ही फंस जाते हैं। रिवर्स गियर में पार्किंग के दौरान एक्सीडेंट ना हो इसलिए रिवर्स पार्किंग अलर्ट भी देना होगा।

परिवहन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि एयरबैग्स और रिवर्स पार्किंग सेंसर्स को शहर में चलने वाले हल्के कामर्शियल वाहनों के लिए भी अनिवार्य किया जाएगा। हालांकि कुछ कारों ने इनमें से कई फीचर अभी से देना शुरू कर दिया है।

आपको बता दें कि 2016 में भारत में मरने वाले प्रति 1.5 लाख लोगों में से तकरीबन 74,000 लोग सड़क हादसे में मारे गए। इसी तरह हर साल तेज रफ्तार गाड़ियों को चलाने और गाड़ियों में सुरक्षा टेक्नॉलॉजी ना होने से होने वाले दुर्घटनाओं से देश में लाखों लोगों की जान चली जाती है।

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