कुछ घटनाएं ऐसी होती है जो साधारण होकर भी असाधारण लगती है। ऐसी ही एक घटना घटी गाजियाबाद में जहां बक्सर के डीएम मुकेश पांडेय ने गाजियाबाद रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या कर ली। 4 अगस्त को बक्सर के जिलाधिकारी बने मुकेश पांडेय का यह पहला कार्यकाल था। लेकिन जिलाधिकारी जैसे उच्च पद पर बैठने के बाद मुकेश ने कुछ ही दिन बाद दिल्ली आकर गाजियाबाद रेलवे ट्रेक पर आत्महत्या कर ली, उन्होंने आत्महत्या क्यों की, यह एक राज बना हुआ है। आत्महत्या से पहले उन्होंने कई सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

उन्होंने आत्महत्या करने से पहले अपने एक परिचित को वाट्सऐप मैसेज भेजा जिसमें लिखा है कि ‘ मैं पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी में होटल पिकादिल्ली के दसवें मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या करने जा रहा हूं….मैं जीवन से निराश हूं और मानवता से मेरा विश्वास उठ गया है…. मेरा सुसाइड नोट होटल लीला पैलेस में नाईकी के बैग में रूम नंबर 742 में रखा है…..आई एम सॉरी… मैं सबसे प्यार करता हूं… मुझे माफ कर दें। लेकिन डीएम के जेब से एक और सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें लिखा है कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं….. मेरी मौत के बाद मेरे परिजनों को आत्महत्या की जानकारी दे दें…. मैं लीला पैलेस दिल्ली के कमरा नंबर 742 में रुका हूं। साथ ही इस सुसाइड नोट में उन्होंने अपने परिजनों के फोन नंबर भी लिखे हैं। हालांकि अभी उनके बैग वाले सुसाइड नोट में क्या लिखा है ये पता नहीं लग पाया है।

पहली बार बक्सर के जिलाधिकारी बने मुकेश पांडेय 2011 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देशभर में 14 वां स्थान हासिल किया था। मुकेश मूल रूप से बिहार के सारण (छपरा) के रहने वाले थे। मुकेश इससे पहले कटिहार के डीडीसी के पद पर कार्यरत थे। गुरुवार की सुबह मामा की तबीयत खराब होने की बात कहकर वह छुट्टी पर दिल्ली आए थे।

शुरूआती जांच में पुलिस को यह आत्महत्या ही लग रही है। लेकिन तीन-तीन सुसाइड नोट और परिजनों को झूठ बोलकर दिल्ली आना और फिर रेलव ट्रैक पर सुसाइड कर लेना यह सब शक के घेरे में है। आखिर क्या बात थी कि मुकेश को आत्महत्या करना पड़ गया और अगर उन्हें आत्महत्या करना था तो वो बक्सर से दिल्ली झूठ बोलकर क्यों आए। इन सब बातों का खुलासा अभी नहीं हो पाया है। हालांकि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस की टीम जांच में जुट गई है। बिहार सीएम नीतीश कुमार ने भी ट्वीट कर जिलाधिकारी की मौत पर दुख जताया है। वहीं सांसद अश्विनी चौबे ने भी दुख प्रकट किया है।

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