सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि पश्चिमी क्षेत्र के पड़ोसी पिछले 30 सालों से छद्म युद्ध में शामिल हैं। जनरल रावत ने आगे कहा कि निकट भविष्य में कहीं भी शांति की कोई गुंजाइश नहीं है और इसलिए सशस्त्र बलों को नई तकनीकों को लागू करने के लिए तैयार रहना होगा ताकि युद्ध में प्रगति के साथ गति बनी रहे।

सेना प्रमुख ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि हमारे उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में विवादित भूमि सीमाएं हैं और हमारे पश्चिमी क्षेत्र पर आंशिक रूप से अनसुलझी सीमाएं हैं। रावत ने हाल ही में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और कहा था कि पाकिस्तान के साथ सीमा पर आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सेना प्रमुख ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा कंप्यूटिंग और कैसे इसे रक्षा प्रणाली में शामिल किया जाए, इसकी प्रासंगिकता को समझना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमा पर हमारा विरोधी चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर युद्ध पर काफी पैसा खर्च कर रहा है। हम पीछे नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि हमारे लिए भी महज परिभाषा तक सीमित रखने की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा एनालिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करने का समय है।

पाकिस्तान पर आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए जनरल रावत ने कहा कि भारतीय सेना इसे रोकने के लिए प्रभावी उपाय कर रही है। ‘रक्षा विनिर्माण में आत्म निर्भरता’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक में तेजी से विकास की वजह से रक्षा उत्पादन में औद्योगिक क्षेत्र को शामिल करने की जरूरत पड़ी। बंदूक और राइफल के अलावा हम कई गैर संपर्क वाला युद्ध होते देखेंगे। भविष्य के युद्ध साइबर क्षेत्र में लड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमा पर हमारा विरोधी चीन कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर युद्ध पर काफी धन खर्च कर रहा है। हम पीछे नहीं रह सकते।’

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