अगर आपके बैंक अकाउंट से अक्सर बैलेंस कम बताकर बैंक ने पैसे काट लिए हैं तो समझ लीजिए कि आप के पैसे बैंक को मालामाल कर रहे हैं। अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वाले लोगों से 2017-2018 में बैंकों ने करीब 5,000 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। इसमें 21 सरकारी बैंकों के अलावा 3 प्रमुख प्राइवेट बैंक शामिल हैं। बैंकिंग डाटा में ये बात सामने आई है। मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्ज वसूलने के मामले में भारतीय स्टेट बैंक को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।

भारतीय स्टेट बैंक ने मिनिमम बैलैंस न रखने पर अपने उपभोक्ताओं से सबसे अधिक करीब 2,434 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। करीब 30 प्रतिशत जुर्माना भारत के 3 बड़े प्राइवेट बैंक ऐक्सिस, एचडीएफसी और ICICI ने वसूला है। एसबीआई के बाद एचडीएफसी बैंक ने 590.84 करोड़ रुपए, एक्सिस बैंक ने 530.12 करोड़ रुपए और आईसीआईसीआई बैंक ने 317.60 करोड़ रुपए वसूले हैं।

एसबीआई 2012 तक मिनिमम बैलेंस न होने पर पेनल्टी लगाता था। इसके बाद एक अप्रैल 2017 से बैंक ने फिर पेनल्टी लगाना शुरू कर दिया। पेनल्टी की भारी-भरकम दर के कारण इसका काफी विरोध हुआ। इसके बाद एक अक्टूबर 2017 को एसबीआई ने पेनल्टी रेट्स में कुछ कमी की थी। मेट्रो सिटी में एसबीआई अकाउंट का मिनिमम बैलेंस 3,000 रुपये है। अगर ये 1500 से 2999 रुपये के बीच में गिरता है तो बैंक इस पर 30 रुपये पेनल्टी लगाता है। अगर बैलेंस 1499 से गिरकर 750 रुपये के बीच में रहता है तो 40 रुपये पेनल्टी लगती है। 750 रुपये से कम रहने पर 50 रुपये पेनल्टी ग्राहक को चुकानी पड़ती है।

—एपीएन ब्यूरो

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