कहते हैं अगर घर की एक महिला शिक्षित होती है तो, वो पूरे परिवार को शिक्षित करती है। इस कहावत को सच करने की राह पर असम सरकार चल पड़ी है। स्कूलों में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए असम सरकार ने रोजाना स्कूल जाने वाली बच्चियों को 100 रू. प्रतिदिन देने की घोषणा की है। सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर सराहना हो रही है।
असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार हर बच्ची को कक्षाओं में भागीदारी लेने पर रोजाना 100रू. दिया जाएगा। बिस्वा ने कहा कि, “यह कदम सरकार लड़कियों को अधिक से अधिक शिक्षित करने के लिए उठा रही है। ताकि साक्षरता दर और ऊपर की तरफ जाए।”
शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि वर्तमान महीने के अंत तक 100 रुपये प्रतिदिन की योजना शुरू की जाएगी। यही नहीं, राज्य सरकार, 12वीं बोर्ड की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास होने वाली छात्राओं को प्रज्ञान भारती योजना के तहत 22,000 दोपहिया वाहन वितरित कर रही है।
शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य बोर्ड से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई सभी बालिकाओं को सरकार स्कूटर मुहैया कराएगी। वहीं 2018 और 2019 में प्रथम श्रेणी में कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली सभी छात्राओं को भी स्कूटर प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि, बालिकाएं किताबें और अध्ययन की अन्य सामग्री खरीद सके इसलिए स्नातक और स्नातकोत्तर छात्राओं के बैंक खातों में जनवरी के अंत तक 1,500 रुपये और 2,000 रुपये की राशि जमा की जाएगी।
बात दें कि, इस योजना पर 144.30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार ये दोनों वित्तीय प्रोत्साहन योजना पिछले साल ही शुरू करने वाली थी, लेकिन कोरोना के कारण शुरू नहीं हो सकी। अब सरकार इसे 2021 से तत्काल प्रभाव से शुरू करने जा रही है।
मालूम हो कि, साल 2011 की जनगणना अध्ययन के अनुसार असम की साक्षरता दर 72.19% है वहीं लड़कियों की बात करे तों 66.27% है। लड़कियों की तुलना में लड़के अधिक स्कूल जाते हैं। यहां पर 77.85% लड़के शिक्षित हैं।