अतीत के गर्त में क्या छिपा है और कितना छिपा है, यह किसी को नहीं मालूम लेकिन इसके बावजूद उसकी खोज जारी है। इसी तरह  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(एएसआई) ‘महाभारत काल’ को ढूढ़ने की कोशिश में लगी है। दरअसल, एएसआई को लगता है कि दिल्ली के पुराने किले का कनेक्शन महाभारत के पांडवों से है और इसी के मद्देनजर उन्होंने यहां खुदाई शुरू करवा दी है। बता दें कि दिल्ली के पुराना किले से महाभारत  के संबंध के बारे में अकसर जिक्र किया जाता है, लेकिन अब इसकी पुष्टि की कोशिशों में पुरातत्व विभाग तेजी से जुट गया है।

विभाग यह जानने की कोशिश कर रहा है कि महाभारत में पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ से पुराने किले के संबंध का जो जिक्र किया गया है, उसकी सच्चाई क्या है। इससे पहले भी 1954-55 में मशहूर पुरातत्वविद बीबी लाल ने भी यहां खुदाई करवाई थी, जिसमें से पॉटरी, टेराकोटा फिगर्स और कॉपर क्वाइंस पाए गए, जिनका सीधा रिश्ता मौर्या और गुप्त युग से निकलता है। कार्बन डेटिंग में ईसा पूर्व 1000 ईसवी की तारीख भी सामने आई। अब तक पुराना किले से मिलने वाली चीजों में प्राचीनतम मौर्यकाल की कलाकृतियां हैं, जो करीब 300 ईसापूर्व की हैं।

अब फिर से एएसआई ने इस पुराने किले का पांडव कनेक्शन पता करने के लिए इसमें खुदाई शुरू करवा दी है।

एएसआई के अधिकारी का कहना है कि हम अपनी खोज जारी ऱखेंगे क्योंकि  हमारा मकसद है उस काल के अहम अवशेषों को इकट्ठा करना। बता दें कि अभी जो खुदाई चल रही है, उसके तीन में से दो प्वॉइंट शेर मंडल के पास हैं, शेर मंडल है भले ही शेरशाह के नाम पर लेकिन इसे बाबर ने बेटे हुमायूं की लाइब्रेरी के तौर पर बनाने का आदेश दिया था, जिसे उसकी मौत के बाद खुद हुमायूं ने पूरा करवाया था। किले में कई मस्जिदें, दरवाजे, झीले और दो पुराने मंदिर भी हैं। खुदाई को एक सप्ताह हो गए हैं और इस काम में कई महीनें और लग सकते हैं।

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