भारतीय सेना प्रमुख विपिन रावत ने सेना पर पत्थर बरसाने वाले अलगाववादियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सेना के काम में दखल दी गई या पत्थर बरसाए गए तो इसका जवाब उन्हें गोली से मिलेगा। उन्होंने कहा “पत्थर चलोगे तो गोली खाओगे” की तर्ज़ पर अब सेना करवाई करेगी। असामाजिक तत्वों द्वारा घाटी में माहौल बिगाड़ने और आतंकियों को पनाह देने के लिए लोगों द्वारा सेना के विरोध को देखते हुए सेना प्रमुख का यह बयान महत्वपूर्ण है।

रावत ने स्थानीय लोगों से आग्रह करते हुए कहा है कि घाटी में जिन युवाओं ने हथियार उठाए हैं, वह वापस मुख्यधारा में लौटें। उन्हें हम मौका दे रहे हैं। इस आग्रह के बाद भी अगर कोई आईएस और पाक के झंडे लहराकर घाटी में माहौल बिगाड़ने का प्रयास करेगा तो हम उन्हें राष्ट्रविरोधी मानेंगे और कार्रवाई करेंगे। इस करवाई में हो सकता है एक दो बार वह बच निकलें लेकिन हम अभियान जारी रखेंगे और उन्हें पकड़ लेंगे।

जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों हुए आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सेना के एक अफसर और तीन जवानों को श्रंद्धाजलि देने के बाद रावत ने यह बात कही है। सेना प्रमुख ने जवानों के शहीद होने का कारण भी इन देशविरोधी लोगों को माना है। उन्होंने कहा कि अभियान और मुठभेड़ के दौरान लोग सेना का विरोध करते हैं और आतंकियों को भागने में मदद भी करते हैं। ऐसे मौके पर जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सेनाध्यक्ष को ये बातें इसलिए कहनी पड़ी क्योंकि दो दिन पहले बांदीपुरा के हाजिन में जिस वक्त आतंकियों के साथ मुठभेड़ चल रही थी, उसी वक्त वहां प्रदर्शन और पत्थरबाजी भी हो रही थी।

सेना प्रमुख के इस बयान के बाद उम्मीद है सेना के काम में दखलंदाज़ी करने वालों पर कड़ी करवाई होगी। साथ ही सेना को राष्ट्रविरोधी तत्वों से निपटने की खुली छूट भी मिल सकेगी। अगर सेना का यह रुख रहा तो पत्थर बरसाने वालों को पत्थर का जवाब गोली से मिलना तय हो जायेगा।

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